केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कंझावला में अंजलि सिंह की मौत के मामले में जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को तथ्यों की जाँच की रिपोर्ट देने को कहा है। स्पेशल सीपी शालिनी सिंह को टीम बनाकर जाँच करने को कहा गया है।
अमित शाह का यह बयान तब आया है जब आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार को घेरा है और एलजी वीके सक्सेना को बर्खास्त करने की मांग की है। इसने आरोप लगाया है कि आरोपियों में एक बीजेपी नेता है। आम लोगों ने इस मामले में कार्रवाई को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन किया है। कार्रवाई का दबाव इसलिए भी है कि नये साल की पहली सुबह ही दिल्ली में इस लड़की को कार से कई किलोमीटर घसीटने की इस घटना ने झकझोर कर रख दिया है।
इधर, दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कंझावला मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में महिला की मौत के लिए रिमांड पर भेज दिया। इस बीच, पीड़िता के शव का मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में एक मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा।
यह घटना नए साल के जश्न यानी आधी रात के कुछ घंटे बाद घटी। एक जनवरी की तड़के लड़की स्कूटी से घर लौट रही थी। कार में सवार कुछ लोगों ने टक्कर मार दी। लड़की कार के निचले हिस्से में फँस गई थी। कई किलोमीटर तक वह घसीटती गई। इससे उसकी मौत हो गई।
मृतक युवती की मां ने कहा है कि उनकी बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है क्योंकि उनकी बेटी के शरीर पर कपड़े नहीं थे जबकि आउटर दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा है कि यह एक दुर्घटना है और लड़की के साथ किसी तरह के बलात्कार या यौन शोषण जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा है कि कार ने जब लड़की को घसीटा तो उस दौरान उसके कपड़े फट गए और शरीर से निकल गए।
घटना से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि जिस हालत में युवती का शव मिला है, उससे पता चलता है कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस मामले में सही जांच करनी चाहिए।
एक आरोपी बीजेपी नेता, बचाने का प्रयास: आप
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के एक नेता पर बड़ा आरोप लगाया है। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि मामले के एक आरोपी मनोज मित्तल भाजपा नेता है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली पुलिस मामले में तुरंत कार्रवाई न करके कथित बीजेपी नेता को बचाने की कोशिश कर रही है।
आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से सौरभ भारद्वाज के बयान को ट्वीट करते हुए लिखा गया है, 'सुल्तानपुरी थाने में बंद दरिंदा मनोज मित्तल बीजेपी का अध्यक्ष और मंडल का सह-संयोजक है। इसलिए इस मामले की लीपापोती हो रही है क्योंकि एलजी को पता है कि इसमें बीजेपी नेता शामिल हैं। मैं विनय सक्सेना को चुनौती देता हूँ कि वो आरोपियों की कॉल डिटेल सार्वजनिक करें।
भारद्वाज ने कहा, '12 किलोमीटर गाड़ी में लाश फंसाकर चलते रहे, और पुलिस कह रही है कि तेज़ म्यूजिक की वजह से पता नहीं चला! दिल्ली पुलिस के डीसीपी हरेंद्र सिंह आरोपियों का बयान अपना वर्जन बनाकर सामने रख रहे हैं। पुलिस की लीपापोती का नंगा उदाहरण है, इससे घटिया काम कोई पुलिस वाला नहीं कर सकता।'
सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि महिला का 'शायद यौन उत्पीड़न किया गया था, शायद बलात्कार किया गया था'। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर इस मामले में लचीला रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना की भी तीखी आलोचना की और कहा कि एलजी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय 'नाव की सवारी का आनंद लेने में व्यस्त थे। आप नेता ने कहा कि अगर एलजी गंभीर होते तो कल कार्रवाई करते। उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई किए जाने में लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार से एलजी को बर्खास्त करने की मांग की।
पाँच में से दो आरोपी नशे में थे: रिपोर्ट
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल (27) के रूप में हुई है। एफ़आईआर ने पुष्टि की है कि कार में सवार लोगों को पता था कि उन्होंने स्कूटी पर एक महिला को टक्कर मारी थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिकी में यह भी उल्लेख किया गया है कि पाँच में से दो आरोपी, दीपक और अमित, घटना के समय नशे में थे। प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि कार दीपक चला रहा था, जो नशे की हालत में था।