कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाज़ारों में लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हो चुकी है। सरकार और उसके अफ़सर इसे लेकर कितने चिंतित हैं, नहीं कह सकते लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ज़रूर चिंतित है और उसने इन्हें चेताने की कोशिश भी की है।
हाई कोर्ट ने कहा है कि कोरोना प्रोटोकॉल के टूटने से इस महामारी की तीसरी लहर जल्दी आ जाएगी, जिसके आने की संभावना है और ऐसा नहीं होने दिया जा सकता।
सरकारों को नोटिस जारी
अदालत ने यह टिप्पणी दिल्ली के बाज़ारों में कोरोना संक्रमण रोकने के प्रतिबंधों के टूटने पर ग़ौर करते हुए कही। अदालत ने इसे लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और कहा कि वह अनलॉक को लेकर स्टेटस रिपोर्ट जमा करें। अदालत ने यह भी कहा कि अफ़सर कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करें।
हाई कोर्ट ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल को तोड़े जाने की यह आदत अगर जारी रहती है तो हम लोग बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे और अगर ऐसा होता है तो फिर ईश्वर ही हमारी मदद करे।
दिल्ली बहुत घनी आबादी वाला शहर है। लाखों लोग यहां दो जून की रोटी कमाने आते हैं। इनके पास या तो छत नहीं है या रहने के लिए बहुत छोटी जगह है। रेहड़ी-पटरी लगाकर जीवन चला रहे ये लोग अनलॉक होने के बाद काम-धंधों में जुट गए हैं और कोरोना के प्रोटोकॉल हवा में उड़ गए हैं।
अनलॉक की ओर बढ़ी दिल्ली
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित रही दिल्ली बीते दिनों में तेज़ी से अनलॉक की ओर बढ़ रही है। इस सोमवार से प्रतिबंधों में ढील को बढ़ाया गया है और दुकान, रेस्तरां और मॉल को फिर से खोल दिया गया है। पहले जिन दुकानों को ऑड-इवन की तर्ज पर खोला जा रहा था, वे अब पूरे हफ़्ते खुल रही हैं।
हाई कोर्ट ने आगे कहा, “हमने दूसरी लहर में बहुत भारी क़ीमत चुकाई है और शायद ही कोई घर ऐसा होगा जो इससे अछूता रहा होगा। इस शहर के नागरिक होने के कारण हम इस तरह की तसवीरों को देखकर चिंतित होते हैं। अदालत का इशारा साफ तौर पर बाज़ारों में उमड़ रही भीड़ की ओर था।”
अदालत के चेताने के बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि कोर्ट के द्वारा जताई गई चिंताओं को सरकारी अफ़सरों को बताया जाएगा।
हालांकि दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट गिरकर 0.20 प्रतिशत रह गया है और गुरूवार को संक्रमण के 158 मामले ही आए हैं और 10 लोगों की मौत हुई है। लेकिन इसका ये मतलब क़तई नहीं है कि हम बेपरवाह हो जाएं।
हज़ारों लोग पहुंच गए शिमला
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह तोड़कर रख दिया है लेकिन शायद हमारी अक्ल अभी भी दुरुस्त नहीं हुई है। कोरोना के मामले 1 लाख से कम क्या हुए, हजारों लोग छुट्टी मनाने शिमला पहुंच गए।
इस भीड़ के पहुंचने के लिए इन लोगों से ज़्यादा जिम्मेदार हिमाचल की सरकार है जिसने बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के राज्य में किसी को भी आने की छूट दे दी है। बस नाम मात्र का लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू है। लेकिन जब हजारों लोग वहां पहुंच गए हैं तो ऐसे लॉकडाउन का क्या मतलब है।
हालात ये हैं कि शिमला में गाड़ियों का लंबा काफिला पहुंच गया और इस वजह से सड़कों पर कई किमी लंबा जाम लग गया।