दिल्ली की हवा इतनी ज़हरीली कि प्राथमिक स्कूल बंद करने पड़े
दिल्ली की हवा ख़राब है। बेहद ख़राब। इतनी कि स्कूल तक बंद करने पड़ गए हैं। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी 'गंभीर' श्रेणी में बनी रही और इसी वजह से दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों में कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए सभी कक्षाएं ऑनलाइन मोड में शिफ्ट कर दी गईं। अगले आदेश तक कक्षाएँ इसी तरह चलेंगी।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी जीआरएपी के चरण 3 के तहत प्रतिबंध लगाए जाने के बाद प्राथमिक स्कूलों को लेकर यह निर्णय लिया गया। जीआरएपी के चरण 3 के तहत इन उपायों में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध और दिल्ली में कुछ वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल हैं।
यह आदेश शुक्रवार सुबह 8 बजे से लागू होगा। गुरुवार को शाम 4 बजे दर्ज की गई दिल्ली की 24 घंटे की औसत वायु की गुणवत्ता 424 एक्यूआई थी। यह 'गंभीर' श्रेणी में है। ख़राब होती हवा के बावजूद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को ही दिन में पहले कहा था कि जीआरएपी-3 को लागू नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा था, "पिछले दो दिनों से इस मौसम में पहली बार दिल्ली में एक्यूआई 400 से ऊपर चला गया है। कई लोगों के मन में सवाल है कि 14 अक्टूबर से 'खराब' या 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने वाला एक्यूआई अचानक 'गंभीर' श्रेणी में कैसे चला गया।"
मंत्री ने कहा, 'मौसम विज्ञानियों ने बताया है कि पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण दिल्ली के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इसके कारण पूरे उत्तर भारत में सुबह और शाम के समय शुष्क मौसम की स्थिति बनी हुई है।'
गुरुवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एक्यूआई 428 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में था। इससे एक दिन पहले बुधवार को भी शहर में देश का सबसे खराब एक्यूआई दर्ज किया गया था।
बता दें कि 201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ माना जाता है। पीएम2.5 के पैमाने पर हवा की गुणवत्ता मापी जाती है। पीएम2.5 प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है। पीएम2.5 का एक्यूआई से सीधा संबंध है। एक्यूआई हवा में मौजूद 'पीएम 2.5', 'पीएम 10', सल्फ़र डाई ऑक्साइड और अन्य प्रदूषण के कणों का पता चलता है। पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर वातावरण में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं जिन्हें आप साधारण आँखों से नहीं देख सकते। 'पीएम10' मोटे कण होते हैं। लेकिन स्वास्थ्य के लिए ये बेहद ख़तरनाक होते हैं। कई बार तो ये कण जानलेवा भी साबित होते हैं।
जीआरएपी-3 के मायने क्या?
सरकारी और निजी स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए कक्षाएँ संबंधित सरकारों द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद ऑनलाइन शिफ्ट होनी होंगी। धूल पैदा करने वाली निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। मेट्रो, रेलवे और राजमार्ग, सड़क और फ्लाईओवर जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं के निर्माण की गतिविधियाँ इसके अपवाद हैं। दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध भी उपायों का हिस्सा है।
दिल्ली में पंजीकृत बीएस-III मानक या उससे नीचे के डीजल से चलने वाले मध्यम मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। बीएस III या उससे नीचे के डीजल से चलने वाले एलसीवी पर भी प्रतिबंध रहेगा। ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा एनसीआर राज्यों से आने वाली अंतर-राज्यीय बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकतीं। दिल्ली और एनसीआर में खनन गतिविधियों और स्टोन क्रशर को सभी गतिविधियों को रोकना होगा।