दिल्ली की जहरीली हवा से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल रेन की मदद लेने की बात कही जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर वायु प्रदूषण के बिगड़ते स्तर से निपटने के प्रयास में आर्टिफिशियल रेन यानी कृत्रिम बारिश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की।
आप सरकार के मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा, 'पिछले तीन दिनों से यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण की चादर फैली हुई है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। दिल्ली में जीआरएपी -4 के नियम लागू हो चुके हैं। गाड़ियों से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए वाहनों पर भी रोक लगाई गई लेकिन प्रदूषण कम नहीं हो रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'अब दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन कराने की ज़रूरत है और इसके लिए मैं आज फिर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिख रहा हूं। वह केंद्र के सभी संबंधित विभागों और आईआईटी कानपुर की बैठक बुलायें और कृत्रिम वर्षा कराने की पहल की जाए।'
गोपाल राय ने मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदूषण से निपटने और आर्टिफिशियल रेन को लेकर क्या-क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आर्टिफिशियल रेन क्या है। आर्टिफिशियल रेन यानी कृत्रिम वर्षा के लिए सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड और सूखी बर्फ जैसे पदार्थों को वायुमंडल में फैलाया जाता है। इसे क्लाउड सीडिंग यानी आसमान में बादल पैदा करना कहा जाता है। ऐसा करने से वर्षा या बर्फबारी होती है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर वर्षा होने में लगभग आधे घंटे का समय लगता है।
नवंबर 2023 में भी दिल्ली सरकार ने शहर में एक्यूआई के स्तर को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम वर्षा की संभावना पर चर्चा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार से कहा था कि वह इसके बजाय केंद्र से संपर्क करे और इसको लागू करने के लिए अनुमति मांगे।
अब दिल्ली के मंत्री ने केंद्र को इसके लिए पत्र लिखा है और संबंधित विभागों की बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'पिछले साल आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने हमें आर्टिफिशियल रेन की सलाह दी थी। गत वर्ष समय कम था लेकिन इस साल हमने गंभीर हालातों से निपटने के लिए अगस्त में ही तैयारी शुरू कर दी।'
उन्होंने आगे कहा, '
“
हमने दिल्ली में आपात हालातों से निपटने और कृत्रिम वर्षा कराने के लिए अगस्त से ही केंद्र सरकार और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखे लेकिन उन्होंने ना ही इन पत्रों का कोई जवाब दिया और ना ही कोई बैठक बुलाई।
गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री, दिल्ली
गोपाल राय ने आरोप लगाया, 'आज केंद्र में बीजेपी शासित एक ऐसी सरकार बैठी है, जिसे उत्तर भारत के लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाने तक की फुर्सत नहीं है। आर्टिफिशियल रेन कराए जाने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को बैठक बुलाने तक का समय नहीं है। मैं इस बाबत उन्हें 4 पत्र लिख चुका हूं लेकिन उन्होंने इसका जवाब तक नहीं दिया।'
उन्होंने कहा, 'मैं पीएम मोदी से निवेदन करता हूं कि समस्त उत्तर भारत को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए आपात बैठक बुलाई जाए और लोगों को राहत दिलाई जाए।'
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को प्रदूषण पर एक बैठक करने तक का समय नहीं है, देश की जनता ने उन्हें चुना है, उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। आप के मंत्री ने कहा कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार से कुछ नहीं हो रहा है तो उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए, कार्रवाई करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। केंद्र को प्रदूषण नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए।'
दिल्ली के मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब आज दिल्ली देश में सबसे प्रदूषित शहर है, राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई कई क्षेत्रों में 'गंभीर प्लस' श्रेणी के अंतर्गत ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली में सबसे सख्त ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी जीआरएपी-4 के तहत प्रतिबंधों को लगाने के बावजूद कई क्षेत्रों में एक्यूआई 500 अंक तक पहुँच गया।