दिल्ली शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज 10 मार्च को मनीष सिसोदिया का रिमांड 10 दिनों के लिए मांगा। ईडी ने सिसोदिया को कल 9 मार्च को सीबीआई की कस्टडी से दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को गिरफ्तार किया था। ईडी ने मनीष की कस्टडी के लिए आज शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में जोरदार दलीलें पेश कीं।
ईडी ने कहा कि वह दिल्ली शराब घोटाले में पैसे के लेन-देन की दिशा में अपनी जांच को आगे बढ़ाना चाहती है। ईडी ने कहा कि इस मामले में कम से कम 292 करोड़ रुपये इधर-उधर हुए हैं।
ईडी की कोर्ट में दलीलें
आप पदाधिकारी विजय नायर इस घोटाले में मनीष सिसोदिया का सहयोगी है। विजय नायर ने "पूरी साजिश रची", जबकि दिनेश अरोड़ा दलाली कर रहा था। दिनेश अरोड़ा के पास आप नेता संजय सिंह का फोन आया कि पार्टी को फंड चाहिए, क्योंकि चुनाव नजदीक आ रहे थे। दिनेश अरोड़ा अब सरकारी गवाह है।- विजय नायर इस सारे मामले का अहम आरोपी है। वो सरकार और विशेषकर मनीष सिसोदिया और शराब व्यापारियों के सीधे संपर्क में था।
- हमने अधिकारियों को तलब किया है। हम हिरासत में सिसोदिया के साथ उनका आमना-सामना कराना चाहते हैं।
- जांच का एक मुख्य फोकस बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं के नेटवर्क पर है, जिसे "साउथ ग्रुप" के नाम से जाना जाता है। दिल्ली की नई शराब नीति को साउथ ग्रुप की कंपनियों की मदद के लिए बदल दिया गया था। सिसोदिया ने बिना किसी सलाह के नीति को कमजोर कर दिया।
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को दिल्ली शराब नीति में रिश्वत से फायदा हुआ। वो सिसोदिया के संपर्क में थीं। कविता का सिसोदिया से संपर्क बिचौलिए विजय नायर के जरिए बना था।
- मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे। कुछ मोबाइल फोन नष्ट कर दिए गए और सिर्फ दो फोन मिले।
- नई शराब नीति से खुदरा विक्रेताओं को भारी मात्रा में लाभ दिया गया। थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन रखा गया था जो नीति के विरुद्ध था। मनीष सिसोदिया का कहना है कि पिछली गणना के आधार पर थोक विक्रेताओं का लाभ मार्जिन दोगुना कर दिया गया था। जबकि जीओएम में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई थी।
सिसोदिया के वकील के तर्क
- अदालत मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के समय की अनदेखी नहीं कर सकती है। गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण है और एक व्यक्ति को निरंतर हिरासत में रखना चाहते हैं। इन दिनों यह एक फैशन बन गया है कि एजेंसियां गिरफ्तारी को एक अधिकार के रूप में लेती हैं। यह समय है कि अदालतें इस अधिकार की भावना पर कड़ी कार्रवाई करें।
- सीबीआई एक अपराध की जांच कर रही है। ईडी ने आज जो कहा वह वास्तव में सीबीआई का मामला है ... कथित अपराध की कार्यवाही के बिना, ईडी मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी अधिनियम के तहत जांच शुरू नहीं कर सकता है।
- दिल्ली शराब नीति की फाइल उपराज्यपाल के पास भी गई थी, जिन्होंने भी इसे मंजूरी दी थी। ऐसी फाइल कई अफसरों के पास से होकर निकलती है। हमें उम्मीद है कि ईडी उपराज्यपाल से पूछताछ करेगी।