आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 70 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। आठ फ़रवरी को होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से जबकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 24 नये चेहरे हैं। 46 विधायकों को दुबारा मौक़ा दिया गया है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 15 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इन नये चेहरों में राघव चड्ढा, अतिशी मर्लेना और दुर्गेश पाठक भी शामिल हैं।
राघव चड्ढा राजेंद्र नगर से और अतिशी कालकाजी से चुनाव लड़ेंगे। दुर्गेश करावल नगर से चुनाव लड़ेंगे। यहीं से 2015 में आप के बाग़ी नेता कपिल मिश्रा ने चुनाव लड़ा था और जीता भी था। हाल ही में कांग्रेस से आप में शामिल हुए और मटिया महल से पाँच बार विधायक रहे शोएब इक़बाल को इसी विधानसभा क्षेत्र का टिकट मिला है।
आप के राजनीतिक मामलों की कमिटी की ओर से जारी इस सूची में सत्येंद्र जैन को शकुर बस्ती, जितेंद्र तोमर को त्री नगर, जरनैल सिंह को तिलक नगर, एस के बग्गा को कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट दिया गया है।
मुख्यमंत्री केजरीवान ने आप के उम्मीदवारों की सूची को ट्वीट करते हुए लिखा, 'सभी को बधाई। संतुष्ट न हों। कड़ी मेहनत करें। AAP और आप में लोगों का विश्वास है। शुभकामनाएँ।'
आप ने पिछली बार जहाँ छह महिलाओं को टिकट दिया गया था वहीं इस बार आठ महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है।
ख़बर है कि कांग्रेस ने भी 14 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं लेकिन इसकी घोषणा नहीं की गई है। बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है।
बता दें कि आठ फ़रवरी को मतदान होगा। पूरे राज्य में सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। मतगणना 11 फ़रवरी को होगी। 14 जनवरी को अधिसूचना जारी होगी। 21 जनवरी तक नामाँकन दाखिल किए जा सकेंगे। 24 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। दिल्ली में एक करोड़ 46 लाख वोटर हैं। इस विधानसभा का कार्यकाल 22 फ़रवरी को पूरा हो रहा है।
2015 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया था। इसके आगे बीजेपी और कांग्रेस चारों खाने चित हो गई थीं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी फिर से सत्ता में आने के प्रयास में है जिसने पिछले विधानसभा यानी 2015 के चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीती थीं। बीजेपी को तीन सीटें मिली थीं। तब आप को 54.3 फ़ीसदी, बीजेपी को 32.2 फ़ीसदी और कांग्रेस को 9.7 फ़ीसदी वोट मिले थे। हालाँकि इसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस चुनाव में बीजेपी ने सभी सीटें जीती थीं। हालाँकि हाल के झारखंड चुनाव में बीजेपी को क़रारा झटका लगा है और इससे पार्टी के मनोबल पर असर पड़ा होगा। माना जा रहा है कि बीजेपी ने जो हिंदुत्व और नागरिकता क़ानून पर दाँव खेला था उसका झारखंड में पार्टी को फ़ायदा नहीं मिला। अब बीजेपी के लिए दिल्ली में बड़ी चुनौती सामने खड़ी हो गई है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले आए चुनाव सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी लगता बताया गया है।