नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदर्शनों की गवाह रही दिल्ली में शुक्रवार को हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो उठा है। नमाज के दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जामा मसजिद पर जुटे। इसके बाद यहाँ से मार्च शुरू हुआ जिसे पुलिस ने दिल्ली गेट पर रोक लिया था। प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर तक जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। थोड़ी देर बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने एक गाड़ी में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली गेट से खदेड़ा तो उन्होंने एक बार फिर जामा मसजिद के आगे इकट्ठा होकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।
प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भी पहुंचे। आज़ाद को दिल्ली पुलिस ने जामा मसजिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने की अनुमति देने से मना कर दिया था। प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर को हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया। पुलिस पूरी तरह अलर्ट है और ड्रोन की सहायता से चप्पे-चप्पे पर नज़र रख रही है।
भेदभावपूर्ण है यह क़ानून: सोनिया
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हो रहे जोरदार विरोध के बीच कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने वीडियो जारी कर अपनी बात कही है। सोनिया गाँधी ने कहा है कि लोकतंत्र में सभी को सरकार की नीतियों का विरोध करने और अपना विरोध दर्ज कराने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून भेदभावपूर्ण है।
ग़रीबों को होगी परेशानी: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा शुक्रवार देर शाम को इंडिया गेट पर इस क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में पहुंचीं। प्रियंका ने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी, दोनों ही ग़रीबों के ख़िलाफ़ है और ग़रीब लोग ही इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे। उन्होंने सवाल पूछा कि दिहाड़ी मजदूर क्या करेंगे कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्वक किये जाने चाहिए।
प्रदर्शन के कारण दिल्ली मेट्रो के 15 स्टेशनों को काफ़ी देर तक बंद करना पड़ा। इस वजह से लोगों को ख़ासी परेशानी हुई। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रहे प्रदर्शनों के कारण कई बार मेट्रो स्टेशनों को बंद करना पड़ा है।
नागरिकता क़ानून को लेकर चल रहे तनाव के बीच शुक्रवार सुबह एक बेहद ख़ूबसूरत तसवीर सामने आई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने जामा मसजिद के बाहर पुलिस अधिकारियों को फूल भेंट किए।
गृह मंत्री अमित शाह के घर के पास विरोध प्रदर्शन कर रहीं दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी और पार्टी की अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इससे पहले गुरुवार को इस क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन के चलते 18 मेट्रो स्टेशनों को कई घंटों के लिए बंद करना पड़ा था। शाम को 5 बजे इन स्टेशनों को खोला गया था। इसके अलावा सरकार के आदेश पर दिल्ली के कई इलाक़ों में कुछ देर के लिए इंटरनेट को भी बैन करना पड़ा था और कॉलिंग और मैसेज करने की सेवा को भी बंद किया गया था। इस कारण उपभोक्ताओं को परेशानी से जूझना पड़ा। थोड़ी देर बाद इन सेवाओं को बहाल कर दिया गया था।
गुरुवार को लाल क़िले के आस-पास धारा 144 लागू होने के बाद भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे और उन्होंने क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव को और अन्य कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके अलावा मंडी हाउस पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे।