बीजेपी ने दिल्ली में शुरू किया 'ऑपरेशन लोटस', वोटर सूची से छोड़छाड़?
क्या अरविंद केजरीवाल को सत्ता में लौटने से रोकने के लिए बीजेपी ने ऑपरेशन लोटस शुरू किया है? क्या इसी के तहत कथित तौर पर वोटरों को खरीदने का अभियान चल रहा था और क्या इसी के तहत वोटर लिस्ट से कथित तौर पर छेड़छाड़ की जा रही है? आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने तो कम से कम ऐसे ही आरोप लगाए हैं।
आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बीजेपी पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में मतदाता सूचियों से छेड़छाड़ की जा रही और उन्होंने इसे 'ऑपरेशन लोटस' नाम दिया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी आगामी राज्य विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए 15 दिसंबर से ही इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
नई दिल्ली विधानसभा में भी BJP लोगों के वोट कटवा कर चुनाव जीतना चाहती है। @ArvindKejriwal जी और CM @AtishiAAP कर रहे हैं एक और बड़ा ख़ुलासा l LIVE https://t.co/P8Dx3qPn2Q
— AAP (@AamAadmiParty) December 29, 2024
केजरीवाल ने कहा, 'नई दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की वोट कटवाने की गंदी साज़िश एक्सपोज हो गई है। 15 दिनों में बीजेपी ने हजारों वोट कटवाने की एप्लीकेशन दे दी। मतदाताओं के वोट कटवाकर बीजेपी लोगों से उनके देश के नागरिक होने का अधिकार छीन रही है।'
केजरीवाल ने दावा किया, 'बीजेपी ने दिल्ली में अपनी हार पहले ही स्वीकार कर ली है। उनके पास न तो मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा है, न ही कोई विजन और न ही कोई विश्वसनीय उम्मीदवार है। किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने के लिए वे मतदाता सूची में हेराफेरी जैसे बेईमान हथकंडे अपना रहे हैं।'
केजरीवाल ने कहा, 'मेरे नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 15 दिसंबर से ऑपरेशन लोटस सक्रिय है। पिछले 15 दिनों में 5000 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आवेदन किए गए हैं। इसके अलावा 7500 मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए आवेदन किए गए हैं। 12% वोटों में हेराफेरी हो रही है।'
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अकेले शाहदरा में ही बीजेपी ने 11800 वोट हटाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन ईसीआई के हस्तक्षेप के बाद यह क़दम रोक दिया गया।
उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर को चुनाव आयोग द्वारा किए गए समरी रिविजन के दौरान नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 1 लाख मतदाताओं को जोड़ा गया था। हालाँकि, केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इनमें से 12% वोटों में अनियमितताओं के बीजेपी के दावे खुद ईसीआई की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाते हैं।
आप प्रमुख ने पूछा कि जब चुनाव आयोग ने दो महीने तक घर-घर जाकर वोट बनाये तो अब 15 दिनों में हजारों लोग कहां से आ गए, जिनके वोट बनवाये जा रहे हैं? उन्होंने दावा किया कि बीजेपी बाहर से लोगों को ला रही है, जिनके फ़र्ज़ी वोट बनवाये जा रहे हैं।
आप प्रमुख ने चुनाव पंजीकरण अधिकारियों से कहा कि वे 2% और 4% से अधिक वोटों के हटाए जाने या जोड़े जाने की पूरी तरह से जांच करें, उनसे कानून का पालन करने और राजनीतिक दबाव में न आने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, 'याद रखें, आपके हस्ताक्षर उन फाइलों पर सालों तक रहेंगे। कोई भी गलत काम न करें, अन्यथा आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।'
आप प्रमुख की यह टिप्पणी दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा नेताओं पर मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आई है।
चार दिन पहले ही मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा था, 'बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा सरेआम मतदाताओं को पैसे बाँटते हुए पकड़े गए! बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के सरकारी आवास 20 विंडसर प्लेस पर महिलाओं को 1100 रुपये बांटे जा रहे हैं। ईडी-सीबीआई और दिल्ली पुलिस को इनके आवास पर छापा मारना चाहिए, वहां करोड़ों रुपये रखे हुए हैं। बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए और अब इस मामले में चुनाव आयोग को भी जवाब देना चाहिए।'
तब केजरीवाल ने कहा था, 'मैं अभी अपनी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के कई इलाक़ों से आ रहा हूँ। हर जगह लोगों ने बताया कि ये लोग खुलेआम वोट ख़रीद रहे हैं। एक वोट के 1100 दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि लोग इनसे पैसे ले लेंगे लेकिन इन्हें वोट नहीं देंगे।'