बिहार सिविल सर्विसेजः युवकों की पिटाई पर नीतीश-भाजपा चुप, पीके विवादों में
बिहार में सिविल सर्विस के परीक्षार्थियों के पीटे जाने की निन्दा देशभर में हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है। जबकि विपक्ष आक्रामक है। नीतीश सरकार में शामिल भाजपा भी चुप है। उसने छात्रों की हमदर्दी में भी कुछ नहीं कहा है। सारे मामले में जनसुराज पार्टी के प्रशांत किशोर विवाद में आ गये हैं। युवकों पर जब लाठियां पड़ीं और ठंड में पानी की बौछारें पुलिस ने डालीं तो प्रशांत किशोर गायब हो गये। छात्रों और अन्य विपक्षी दलों ने जब किशोर की आलोचना की तो उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि वो 2 जनवरी से प्रदर्शनकारियों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
बिहार में सैकड़ों युवकों को कड़ाके की ठंड में रविवार रात को जमकर पीटा गया। उन पर पानी की बौछार भी की गई। युवक बिहार सिविल परीक्षा दे चुके हैं और पेपर लीक होने की वजह से दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं। इस परीक्षा को बिहार लोक सेवा आयोग ने आयोजित किया था। युवक जब मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ना चाहते थे तो पुलिस ने उन्हें रोका और लाठीचार्ज किया। लेकिन विवाद के केंद्र में जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर आ गये हैं। जिन पर युवको को उकसाने का आरोप है और लाठी चार्ज होने पर वो उस जगह से गायब हो गये। जबकि उन्होंने कहा था कि पहली लाठी उन्हीं को पड़ेगी।
इनमें से ना जाने कितने होंगे जो खुद BPSC के ज़रिए चुनकर आए होंगे,मगर सब भूल गए…ये क्रूर बेरहमी है
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) December 29, 2024
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युवकों का कहना है कि जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के मकसद से युवकों को पटना के गांधी मैदान में बुलाया था और मार्च का नेतृत्व किया था। पुलिस ने जब बेली रोड के रास्ते पर सीएम हाउस की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी तो किशोर जेपी गोलचक्कर के पास धरने पर बैठ गए। लेकिन जब पुलिस ने पानी की बौछारें युवकों पर डालीं और लाठी से पीटने लगे तो प्रशांत किशोर वहां से चुपचाप खिसक गये।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के मकसद से छात्रों को पटना के गांधी मैदान में बुलाया था और मार्च का नेतृत्व किया। पुलिस ने जब बेली रोड के रास्ते पर सीएम हाउस की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दिया तो प्रशांत किशोर जेपी गोलचक्कर के पास धरने पर बैठ गए। उन्होंने युवकों को आगे बढ़ने से मना किया। लेकिन युवक नहीं माने। पुलिस जब प्रदर्शनकारियों को पीटने लगी और पानी की बौछारें छोड़ने लगी तो किशोर वहां से चुपचाप गायब हो गये।
BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज अक्षम्य अपराध है! इसके ख़िलाफ़ हर क़ीमत पर लड़ाई लड़ेंगे!
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 29, 2024
आज PMCH में घायल छात्रों से मिले, कल राज्यपाल महोदय से मिलेंगे! न्याय के लिए हर द्वार जाएंगे। किसी भी परिस्थिति में अन्याय नहीं होने देंगे! बच्चों के लिए मर मिटने को तैयार हैं! pic.twitter.com/K3oiQTgbOB
बड़े छात्र विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने प्रशांत किशोर, उनकी जन सुराज पार्टी के नेताओं, कुछ कोचिंग सेंटर मालिकों और 700 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया है। उन पर "अनधिकृत रूप से" लोगों को इकट्ठा करने, उन्हें भड़काने और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि जन सुराज पार्टी ने भी बिना अनुमति के विरोध मार्च निकाला था और पटना के गांधी मैदान के पास भीड़ का नेतृत्व किया था, जो हिंसक हो गई थी। पुलिस के लाउडस्पीकर तोड़ दिए थे और ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों के साथ झड़प हुई थी। पुलिस ने कहा, "प्रशासन के बार-बार अनुरोध के बावजूद, इन लोगों ने प्रशासन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया।"
बिहार के 912 केंद्रों पर 13 दिसंबर को बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। हजारों उम्मीदवार 18 दिसंबर से पटना में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि कई परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे और जैमर काम नहीं कर रहे थे। कुछ केंद्रों पर प्रश्नपत्र देर से बांटे गये थे। बीपीएससी अब तक केवल उन लोगों के लिए परीक्षा को पुनर्निर्धारित करने पर सहमत हुआ है जिन्होंने पटना के एक केंद्र पर परीक्षा दी थी, जहां हंगामे के बीच एक परीक्षा अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। छात्रों की मांगों का समर्थन पूरा विपक्ष कर रहा है। बिहार में पेपर लीक होने या अव्यवस्था की वजह से परीक्षा स्थगित करना आम बात हो गई है। युवक जब प्रदर्शन करते हैं तो उनकी पिटाई होती है। इससे पहले नीट पेपर लीक के बाद लंबा आंदोलन चला था।
प्रशांत किशोर ने कहा कि “बीपीएससी सिर्फ एक केंद्र के लिए परीक्षा कैसे पुनर्निर्धारित कर सकता है? कई अन्य केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के देरी से वितरण, सीसीटीवी कैमरों और जैमर काम न करने की शिकायतें थीं। इसलिए फैसला तो सभी केंद्रों के लिए होना था। सभी 912 परीक्षा केंद्रों के लिए नए सिरे से प्रीलिम्स की मांग करना छात्रों के लिए उचित है।” बता दें कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रहे हैं। लेकिन अब अपनी पार्टी बनाकर राजनीति में उतर आये हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और लाठीचार्ज होने पर वहां से चले गये। युवकों ने उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
लगभग 3.8 लाख छात्रों ने 13 दिसंबर को BPSC प्रारंभिक परीक्षा दी थी। रविवार को प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री से मिलने से रोके जाने के बाद पटना प्रशासन ने उन्हें सलाह दी कि पांच अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मिल सकता है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विरोध करने वाले अभ्यर्थियों का समर्थन किया है और बीपीएससी से नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करने का आह्वान किया है। इससे पहले, पटना के प्रमुख शिक्षक खान सर और गुरु रहमान और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है और उनके साथ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है।
बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 30, 2024
इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है।… pic.twitter.com/te9MOhoKPG
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बीपीएससी परिक्षार्थियों पर लाठी चार्ज की निंदा की है। प्रियंका ने एक्स पर लिखा- बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है। इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है। भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है।
हालांकि, बीपीएससी के एक अधिकारी ने कहा है कि पटना में सिर्फ एक केंद्र पर प्रश्नपत्रों के वितरण में देरी के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं, जहां दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है। अधिकारी ने कहा, ''हम छात्रों के आरोपों पर भरोसा नहीं कर सकते और सभी केंद्रों पर आयोजित परीक्षा रद्द नहीं कर सकते।''