कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने दिल्ली हिंसा को 'हतप्रभ करने वाला' और 'दुर्भाग्यपूण' क़रार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफ़े की माँग की है। सोनिया ने इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी आलोचना की। दिल्ली के उत्तर-पूर्व के इलाक़ों में हुई हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं।
सोनिया ने किया पलटवार
सोनिया ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय इस तरह की स्थिति होने पर वह सबसे पहले सभी नेताओं से बात करते थे। पर मौजूदा सरकार ने ऐसा नहीं किया। कांग्रेस की इस वरिष्ठ नेता ने कहा :
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केंद्र सरकार से यह उम्मीद की जाती थी कि वह कुछ बोले। हालांकि सोशल मीडिया पर मैंने कुछ बयान देखे हैं, पर किसी ने औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। वाजपेयी के समय भी सबसे पहले जो वह काम करते थे, वह यह था कि वह सभी दलों के नेताओं से बात करते थे। दुखद स्थिति यह है कि जब से मोदी सरकार आई है, ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है।
सोनिया गाँधी, अंतरिम अध्यक्ष, कांग्रेस
सरकार का पलटवार
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। ऐसे समय में सभी दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शांति बनाए रखी जाए, इसके बजाय सरकार को दोषी ठहराया जाना गंदी राजनीति है। इस हिंसा का राजनीतिकरण करना गलत है।'कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि हिंसा ज़िम्मेदारी के पालन में हुई ज़बरदस्त नाकामी की वजह से हुई है और इसका पूरा दायित्व केंद्र सरकार, ख़ास कर गृह मंत्री पर है।
सोनिया गाँधी ने अमित शाह को निशाने पर लेते हुए पूछा, 'गृह मंत्री कहाँ थे वह क्या कर रहे थे ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने दिल्ली चुनाव के बाद की स्थिति पर क्या कहा था इस पर क्या कार्रवाई हुई यह साफ़ है कि दंगे फैल रहे थे।'
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि हिंसा ज़िम्मेदारी के पालन में हुई ज़बरदस्त नाकामी की वजह से हुई है और इसका पूरा दायित्व केंद्र सरकार, ख़ास कर गृह मंत्री पर है।
सोनिया गाँधी ने यह भी कहा कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने दिल्ली चुनाव के समय नफ़रत का माहौल बनाया। दिल्ली बीजेपी के एक नेता ने रविवार को इसे दुहराया जब उन्होंने दिल्ली पुलिस को अल्टीमेटम दे दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे में जानबूझ कर कोई कार्रवाई नहीं की।