दिल्ली नगर निगम (MCD) के नए मेयर और डिप्टी मेयर के लिए होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। घोषित की गई तारीखों के अनुसार आने वाली 26 अप्रैल को दोनों ही पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे।
इतनी जल्दी चुनाव कराये जाने का कारण दिल्ली नगर निगम का वह कानून है, जो निर्धारित करता है कि नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का पद एक साल के लिए होगा। इसी नियम के अनुसार यह पद पहले साल के लिए महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित किया गया है।
फरवरी के महीने में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय को मेयर और आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर के पद पर चुना गया था। चुनाव में हुई देरी के कारण मेयर और डिप्टी मेयर को केवल 38 दिन तक ही इस पद पर रहने को मिला।
26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ से शैली ओबरॉय को मेयर पद के लिए तथा आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर पद के लिए दोबारा से मैदान में उतारा गया है।
पार्टी द्वारा नामों की घोषणा किये जाने के बाद शैली ओबरॉय और आले मोहम्मद इकबाल ने सोमवार को इन पदों के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है। इस मौके पर उनके साथ आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना भी मौजूद थे।
बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। पार्टी उम्मीदवार उतारेगी की नहीं, इस बारे में पार्टी की तरफ से फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है।
दिसंबर में हुए पार्षदी के चुनाव के बाद से मेयर पद को लेकर काफी लड़ाई हुई थी, क्योंकि आप पहली बार अपनी मेयर बनाने की स्थिति तक पहुंची थी, जबकि इसके पहले काफी लंबे समय से दिल्ली एमसीडी में बीजेपी का कब्जा था।
चुनाव के बाद सीटों में बहुत ज्यादा अंतर न होने और एल्डर मैन के वोटों को मेयर के चुनाव में शामिल करने को लेकर आप और बीजेपी के बीच काफी झगड़ा हुआ था। बीजेपी की मांग थी कि मेयर के चुनाव के लिए एल्डरमैन के वोट को भी शामिल किया जाए, जबकि आप का कहना था कि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार एल्डरमैन मेयर के चुनाव के लिए वोट नहीं कर सकते। इस मसले पर दोनों ही पार्टियां कोर्ट तक गई थीं। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही मेयर का चुनाव संपन्न कराया जा सका था। चुनाव वाले दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ था, उस दिन एक दूसरे के ऊपर कागज बोतल जैसी चीजें फेंकी गई थीं।
पिछली बार चुनाव होने से पहले दिल्ली मेयर के चुनाव को तीन बार टाला गया था। अब आगे देखना होगा कि इन दोनों का निर्वाचन निर्विरोध होता है या फिर भाजपा से टक्कर के बाद।