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दिल्ली: आप सांसद ने फाड़ा एलजी सक्सेना का कानूनी नोटिस

दिल्ली: आप सांसद ने फाड़ा एलजी सक्सेना का कानूनी नोटिस

आम आदमी पार्टी उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर क्यों हमलावर है और उसने उन पर क्या आरोप लगाए हैं?

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस को फाड़ दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय सिंह ने कहा कि वह किसी भ्रष्टाचारी व्यक्ति के द्वारा नोटिस भेजने से डरने और रुकने वाले नहीं है और ऐसे नोटिसों को फाड़ कर फेंक देते हैं। 

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के छह नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा था। इन नेताओं में संजय सिंह, आतिशी सिंह, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और जैस्मीन शाह शामिल हैं। नोटिस में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी के इन सभी नेताओं ने उपराज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक और मानहानि करने वाले आरोप लगाए हैं। 

सांसद संजय सिंह ने कहा कि कोई अगर यह सोचता है कि वह भ्रष्टाचार करेगा, लूट करेगा और इन नोटिसों के जरिए उसे दबा देगा तो ऐसा नहीं होगा। 

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बताना होगा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कुछ दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में रात भर धरना भी दिया था। 

संजय सिंह ने कहा कि खादी आयोग में कार्यरत 4,55,000 में से केवल 1,93,598 कर्मचारियों का ही खाता खोला गया और बाक़ी 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों का खाता ही नहीं खुला था और उन्हें हर महीने कैश पेमेंट जाती रही। सांसद ने कहा कि इन कर्मचारियों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि खादी आयोग के तत्कालीन चेयरमैन सक्सेना के द्वारा लाखों कर्मचारियों के नाम पर पैसा डकार लिया गया और अरबों-खरबों का घोटाला हुआ। 

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संजय सिंह ने मोदी सरकार से मांग की कि ऐसे भ्रष्ट उप राज्यपाल को तत्काल हटा कर उन्हें गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस उप राज्यपाल के भ्रष्टाचार की पोल खोली गई तो उन्होंने हमें ही नोटिस भेज दिया। उन्होंने कहा कि सक्सेना के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच हो और पता लगाया जाए कि लूट का पैसा कहां रखा है। उन्होंने कहा कि सक्सेना एक महाभ्रष्ट, बेईमान व्यक्ति हैं। 

क्या है मामला?

आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब देश नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगा था तब उपराज्यपाल सक्सेना काले धन को सफेद बनाने में लगे थे और उस दौरान वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन के पद पर थे। 

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आम आदमी पार्टी ने कहा है कि आयोग के कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने बयान दिया है कि सक्सेना ने तबादले की धमकी देकर पुराने नोटों को नए नोटों में बदलवाया। 

पार्टी विधायकों ने विधानसभा में इस मुद्दे पर कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया था लेकिन उपराज्यपाल के नाम को एफआईआर में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के घर पर छापेमारी भी नहीं की गई और पूरे मामले को दबा दिया गया। जबकि दोनों कैशियर ने कहा है कि खादी विभाग के दो अधिकारियों अजय गुप्ता और एके गर्ग ने उन्हें डराया कि ये पैसा विनय सक्सेना का है। 

क्या कहा था नोटिस में?

एलजी के द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी एक प्रेस रिलीज जारी करे और उसमें पार्टी के सभी नेताओं को इस बात का निर्देश दे कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एलजी के खिलाफ झूठे, अपमानजनक और बेबुनियाद बयान ना दें। कहा गया था कि आम आदमी पार्टी के नेता नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर इसका जवाब दें। 

नोटिस में कहा गया था कि एलजी के खिलाफ उन्हें बदनाम करने का अभियान छेड़ा गया है, ऐसा उनकी छवि को खराब करने के लिए किया गया है और इसका मकसद आबकारी नीति के मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर हुई सीबीआई की छापेमारी से ध्यान भटकाना है। नोटिस में आम आदमी पार्टी सरकार के कामकाज में हो रही कथित गड़बड़ियों को लेकर भी सवाल उठाया गया था। 

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