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दिल्ली आबकारी मामला: 100 करोड़ की रिश्वत दी गई- ईडी

दिल्ली आबकारी मामला: 100 करोड़ की रिश्वत दी गई- ईडी

आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में पिछले कई महीनों से जबरदस्त बवाल चल रहा है। क्या है यह पूरा मामला और क्या ईडी के द्वारा किए गए दावों के बाद आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी।  

जांच एजेंसी ईडी ने कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति में 100 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी हुई है। ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तीन दर्जन से अधिक वीआईपी ने कथित तौर पर डिजिटल सुबूतों को मिटाने के लिए 140 से अधिक मोबाइल फोन बदले।

बताना होगा कि नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली में पिछले कई महीनों से जबरदस्त बवाल चल रहा है।

दो और लोग गिरफ्तार

ईडी ने गुरूवार को आबकारी मामले में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर दो निजी कंपनियों के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक बेनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा के निदेशक और प्रमोटर पी. सरथ चंद्र रेड्डी थे। ईडी ने इन दोनों को दिल्ली की एक विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें सात दिन की हिरासत में भेज दिया गया। बीते शनिवार को मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया था कि ईडी ने उनके निजी सहायक यानी पीए को गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले भी इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

अरोड़ा के गवाह बनने से मुश्किलें बढ़ेंगी?

मनीष सिसोदिया के सहयोगी और कारोबारी दिनेश अरोड़ा आबकारी नीति के मामले में सरकारी गवाह बनने जा रहे हैं। अरोड़ा ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से कहा है कि वह आबकारी नीति के मामले में उनकी जो भूमिका है उसके बारे में सच-सच बताएंगे। अरोड़ा बीते सोमवार को अदालत में पेश हुए थे।

सीबीआई ने आबकारी नीति के मामले में दर्ज की गई एफआईआर में अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन अरोड़ा को मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बताया था। सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि ये तीनों शराब लाइसेंस धारियों से इकट्ठा किए गए धन को मैनेज करने और इसे डाइवर्ट करने के काम में शामिल थे।

इस एफआईआर में मनीष सिसोदिया का नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि विजय नायर और दिनेश अरोड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए कैश कलेक्शन का काम करते थे। विजय नायर को आबकारी नीति के मामले में सितंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। नायर आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी हैं। 

सीबीआई ने कहा था कि इंडोस्पिरिट्स के निदेशक समीर महेंद्रू ने दिनेश अरोड़ा की राधा इंडस्ट्रीज को 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। समीर महेंद्रू को भी आबकारी नीति के मामले में सितंबर में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। 

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सीबीआई ने कुछ महीने पहले मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाला था। 

सिसोदिया को कुछ दिन पहले जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। तब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।

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ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारी

केजरीवाल सरकार के द्वारा लाई गई और फिर वापस ली गई आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी ईडी ने बीते महीनों में देशभर में कई जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने दिल्ली में 25 जगहों पर छापेमारी की थी जबकि उससे पहले दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हैदराबाद में 35 जगहों पर ईडी के अफसरों की टीम पहुंची थी। 

अब तक इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। विजय नायर, समीर महेंद्रू के अलावा हैदराबाद से शराब व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया गया था। अभिषेक बोइनपल्ली इस मामले में आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लई के सहयोगी हैं, पिल्लई का नाम भी सीबीआई की एफआईआर में शामिल है।

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‘कोई घोटाला नहीं हुआ’

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।

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