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बीजेपी सांसद पर FIR के बाद अफसर पर राजद्रोह केस क्यों?

बीजेपी सांसद पर FIR के बाद अफसर पर राजद्रोह केस क्यों?

झारखंड के देवघर एयरपोर्ट को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर एफ़आईआर दर्ज होने के बाद अब झारखंड के उपायुक्त के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला क्यों दर्ज किया गया? जानिए वजह।

देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने के आरोप में एफ़आईआर का सामना कर रहे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अब देवघर के डेपुटी कमिश्नर के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मुक़दमा किया है। झारखंड में हुए इस घटनाक्रम के लिए सांसद ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी थी। इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने देवघर हवाई अड्डे के 'प्रतिबंधित' क्षेत्र में प्रवेश करके 'राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने' के लिए देवघर के उपायुक्त और झारखंड पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का आरोप लगाया।

झारखंड से बीजेपी सांसद की शिकायत पर यह कार्रवाई तब हुई है जब इससे पहले सांसद निशिकांत दुबे, दिल्ली बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी सहित नौ लोगों के ख़िलाफ़ झारखंड के कुंडा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने देवघर एयरपोर्ट पर सूर्यास्त के बाद चार्टर्ड फ्लाइट को टेक ऑफ करने के लिए अधिकारियों को मजबूर किया।

इस मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर आरोप है कि 31 अगस्त को वह अपने बेटों, सांसद मनोज तिवारी और कुछ अन्य लोगों के साथ एयरपोर्ट के हाई सिक्योरिटी एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी रूम में घुसे थे। बता दें कि कुछ दिन पहले निशिकांत दुबे मनोज तिवारी, दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा व कुछ लोगों के साथ झारखंड के दुमका में हुए अंकिता हत्याकांड के बाद अंकिता के परिजनों से मिलने पहुंचे थे।

इस मामले में एयरपोर्ट के सिक्योरिटी इंचार्ज सुमन अनान की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। सभी 9 लोगों के खिलाफ दूसरों के जीवन या सुरक्षा को ख़तरे में डालने का मुक़दमा दर्ज किया गया। 

सांसद और अधिकारी सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर भिड़े थे। देवघर के उपायुक्त ने ट्विटर पर सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की बात लिखी थी। इस पर सांसद ने ट्वीट कर कहा था, 'यह एक अपराधी का अंदाज़ है जो ज़बरदस्ती बिना अनुमति के सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसता है। आप एयरपोर्ट के अंदर किस हैसियत से गए? आपको सीसीटीवी देखने की इजाज़त किसने दी? ...मुख्यमंत्री की चमचागिरी करिए व मस्त रहिए।'

इस पर उपायुक्त ने लिखा था, 'मैंने वैध प्रवेश पास लेकर एयरपोर्ट टर्मिनल में प्रवेश किया था। डीसी देवघर हवाई अड्डे के निदेशक मंडल के सदस्य भी हैं।' इसके साथ ही उन्होंने उस पास के स्क्रीनशॉट को साझा किया था। 

बहरहाल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, निशिकांत दुबे की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 'ज़ीरो एफ़आईआर' दर्ज की है। इसे दिल्ली पुलिस ने जांच के लिए देवघर के कुंडा पुलिस स्टेशन में भेजा है। इसमें कहा गया है, 'देवघर हवाई अड्डा सलाहकार समिति के अध्यक्ष और सांसद निशिकांत दुबे ने पी.एस. नॉर्थ एवेन्यू में आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 353 (लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 448 (घर में जबरन घुसना), 201 (सबूत के गायब करना), 506 (आपराधिक धमकी), 120 बी (आपराधिक साजिश) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत प्रथम दृष्टया अपराध का केस दर्ज कराया है।

देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'यह (एफआईआर) एक बेतुकी और 100 प्रतिशत मनगढ़ंत कहानी है… सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने के बाद की। सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान, सब कुछ साफ़ हो जाएगा, दूध का दूध और पानी का पानी।'

बता दें कि इस साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। इस एयरपोर्ट से अभी रात को विमानों के उड़ने की व्यवस्था नहीं है और सूर्यास्त से आधे घंटे पहले ही उड़ान सेवाएं जारी रह सकती हैं। इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनज़र एटीसी में प्रवेश वर्जित होता है।

नियमों के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सांसदों के पहचान पत्र के आधार पर एक संसद सदस्य को टर्मिनल भवन और आगंतुक गैलरी में मुफ्त पहुंच की अनुमति दी जा सकती है। हालाँकि, नियमों में यह नहीं साफ़ किया गया है कि क्या सांसदों को एटीसी परिसर में प्रवेश करने की अनुमति है। 

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