जाने माने बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने एक बच्चे के होठों को चूमने और उसे "अपनी जुबान (जीभ) चूसने" के लिए कहने पर माफी मांगी है। बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने उस लड़के और उसके परिवार से माफी मांगी है। दलाई लामा का यह माफीनामा तब सामने आया, जब इससे जुड़ा वीडियो वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर उसकी जबरदस्त आलोचना होने लगी। उनकी टीम ने कहा कि दलाई लामा "अक्सर लोगों से मिलते वक्त हंसी मजाक करते हैं मनोरंजक तरीके अपनाते हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक दलाई लामा की टीम ने एक बयान में कहा कि एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर नजर आई है, जिसमें हाल ही में हुई एक बैठक का संदर्भ है। युवा लड़के ने पूजनीय दलाई लामा से पूछा था कि क्या वह उन्हें गले लगा सकते हैं। पूजनीय गुरु जी (दलाई लामा) उस लड़के और उसके परिवार, साथ ही दुनिया भर में उसके तमाम दोस्तों से माफी माँगना चाहते हैं। पूजनीय गुरु जी अक्सर लोगों से मिलते वक्त कुछ न कुछ चंचलता करते हैं। ऐसा वो सार्वजनिक रूप से और यहां तक कि कैमरों के सामने भी करते हैं। उन्हें इस घटना पर खेद है।
एनडीटीवी के मुताबिक वायरल वीडियो में दलाई लामा को एक युवा लड़के के होठों को चूमते हुए हुए और उसका साथ माथा छूते हुए दिखाया गया है। उसी समय दलाई लामा अपनी जीभ बाहर निकालते हुए पूछते हैं- "क्या तुम मेरी जीभ चूस सकते हो?"
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया हुई। ट्विटर पर लोगों ने इसे "घृणित" और "गंदा" कहकर टिप्पणी की।
यूजर जोस्ट ब्रोकर्स ने ट्वीट किया - तो दलाई लामा एक बौद्ध कार्यक्रम में एक भारतीय लड़के को चूम रहे हैं और उसकी जीभ को छूने की भी कोशिश कर रहे हैं। वह वास्तव में कहते हैं 'मेरी जीभ चूसो।' वह ऐसा क्यों कर रहे हैं?
स्टू पीटर्स से सवाल किया-दलाई लामा इस युवा लड़के को क्यों दुलार रहे हैं और उसे 'अपनी जीभ चूसने' के लिए क्यों कह रहे हैं?
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा ने 2019 में विवादास्पद रूप से यह कहने के लिए माफी मांगी थी कि अगर उनकी उत्तराधिकारी एक महिला हो तो "वो खूबसूरत होनी चाहिए।" उन्होंने बीबीसी से एक इंटरव्यू में कहा था-अगर कोई महिला दलाई लामा आती है, तो उसे और अधिक खूबसूरत होना चाहिए।
पिछले महीने दलाई लामा ने आठ साल के अमेरिका में जन्मे मंगोलियाई लड़के को 10वें धम्पा रिनपोचे के रूप में नामित किया, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में तीसरा सर्वोच्च रैंक है।
बीजिंग ने दलाई लामा पर तिब्बत में अलगाववाद भड़काने का आरोप लगाया है और वह केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) को मान्यता नहीं देता है, जो भारत, नेपाल, कनाडा और अमेरिका सहित लगभग 30 देशों में रहने वाले लगभग 100,000 निर्वासित तिब्बतियों का प्रतिनिधित्व करता है।