CSDS-लोकनीति सर्वे: गुजरात में किसी तीसरे दल के लिए है कोई जगह?
गुजरात में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है और इस बार चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा हुआ है। गुजरात में अब तक दो ध्रुवीय राजनीति होती रही है यानी बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी तीसरे राजनीतिक दल को राज्य की राजनीति में जगह बनाने में कामयाबी नहीं मिल सकी है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ गुजरात के चुनाव मैदान में उतरी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से ही लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं।
केजरीवाल ने आईबी की एक कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी शहरी इलाकों में कुछ सीटें झटक सकती है। लेकिन क्या वाकई गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा किसी अन्य राजनीतिक दल के लिए कोई जगह है।
CSDS-लोकनीति के सर्वे के मुताबिक, जब गुजरात के लोगों से इस बारे में पूछा गया कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा क्या राज्य में किसी तीसरे विकल्प की जरूरत है तो 61 फीसद लोगों ने कहा कि हां ऐसा है। हालांकि सर्वे या नहीं बताता कि आम आदमी पार्टी इतने लोगों को किसी तीसरे विकल्प के लिए राजी कर पाएगी। सर्वे के मुताबिक गुजरात की राजनीति में तीसरे विकल्प की इच्छा सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी के समर्थक या मतदाताओं में ही है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी को वोट देने की बात कहने वालों में से आधे से ज्यादा मतदाता तीसरे विकल्प का भी समर्थन करते हैं।
सर्वे के मुताबिक, बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि गुजरात में बीजेपी की सरकार ने अच्छा काम किया है और ऐसा कहने वाले लोगों की संख्या 71 फीसद है। ये लोग मानते हैं कि राज्य में विकास हुआ है लेकिन इस बात को कहने वालों में से कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी नए राजनीतिक दल को मौका देना चाहते हैं। सर्वे बताता है कि ऐसे लोगों में ग्रामीण मतदाताओं के मुकाबले शहरी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
CSDS-लोकनीति का सर्वे कहता है कि हालांकि लोग किसी तीसरे राजनीतिक दल को सत्ता में देखना चाहते हैं लेकिन वह इस बात को लेकर बंटे हुए दिखते हैं कि आम आदमी पार्टी गुजरात का चुनाव जीत सकती है। सर्वे कहता है कि एक तिहाई से भी कम मतदाता कहते हैं कि आम आदमी पार्टी केवल यहां खेल बिगाड़ने वाली साबित हो सकती है जबकि इतने ही मतदाता यह भी सोचते हैं कि वह राज्य में सरकार बना सकती है और एक तिहाई मतदाता इसे लेकर कोई राय नहीं रखते।
क्योंकि सर्वे कहता है कि गुजरात में 61 फीसद लोग ऐसे हैं जो बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे विकल्प पर बात करते हैं। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है। सवाल ये है कि गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबले सांगठनिक रूप से बेहद कमजोर आम आदमी पार्टी क्या तीसरे विकल्प के रूप में जगह बना पाएगी। गुजरात में अब चुनाव प्रचार और मतदान के लिए 1 महीने का वक्त बचा है, ऐसे में आम आदमी पार्टी इन 61 फीसद लोगों को क्या इस बात के लिए राजी कर पाएगी कि वे परंपरागत रूप से बीजेपी और कांग्रेस को वोट देने के बजाय इस बार उसे वोट दें।