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नये क़िस्म के कोरोना से लड़ने के लिए टास्क फ़ोर्स की कैसी तैयारी?

नये क़िस्म के कोरोना से लड़ने के लिए टास्क फ़ोर्स की कैसी तैयारी?

जिस नये क़िस्म के कोरोना का पूरी दुनिया में खौफ है और जो 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है उससे निपटने की तैयारी भारत में कैसी है? इस पर कोविड के लिए गठित नेशनल टास्क फ़ोर्स ने अपनी योजना बताई है।

जिस नये क़िस्म के कोरोना का पूरी दुनिया में खौफ है और जो 70 फ़ीसदी अधिक तेज़ी से फैल रहा है उससे निपटने की तैयारी भारत में कैसी है? इस पर विशेषज्ञ तो अपनी अलग-अलग राय रखते रहे हैं, लेकिन अब कोविड के लिए गठित नेशनल टास्क फ़ोर्स ने अपनी योजना बताई है। नये क़िस्म के कोरोना को रोकने के लिए टास्क फ़ोर्स की योजना मुख्य तौर पर वही है जो शुरुआत में कोरोना फैलने के दौरान अपनायी गई थी। यानी नये क़िस्म के कोरोना मरीज़ का ट्रेस यानी पता लगाना, डिटेक्ट यानी पहचान करना और कंटेन करना यानी फैलने से रोकना। 

नेशनल टास्क फ़ोर्स का गठन कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए सुझाव देने के लिए किया गया था। ब्रिटेन सहित कई देशों में नये क़िस्म के कोरोना संक्रमण की ख़बरों के बीच भारत में नेशनल टास्क फ़ोर्स ने शनिवार को बैठक की।

बैठक का नेतृत्व नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने किया। इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के सदस्यों के साथ-साथ शीर्ष स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे। इसने इस पर नियंत्रण के लिए निगरानी की रणनीति पर ज़ोर दिया। 

टास्क फ़ोर्स ने कई क़िस्मों के कोरोना वायरस को ट्रेस करने के लिए नियमित जीनोमिक निगरानी की ज़रूरत के लिए भी सहमति व्यक्त की। जीनोमिक निगरानी से मतलब है- लोगों की जीन आधारित जाँच से निगरानी।

नेशनल टास्क फ़ोर्स ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि ब्रिटेन से वापस आने वालों के अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5 प्रतिशत पॉजिटिव केसों के नमूने जीनोम अनुक्रमण से जाँच के लिए भेजे जाएँगे।

क्या इलाज में बदलाव होगा?

नेशनल टास्क फोर्स ने कहा है कि यूनाइटेड किंगडम में उभर रहे म्यूटेशन यानी नये स्ट्रेन या नये क़िस्म के कोरोना के मद्देनज़र मौजूदा उपचार प्रोटोकॉल को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।

इसमें आगे यह भी कहा गया है कि नये क़िस्म के वायरस को सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ की स्वच्छता, मास्क पहनने और जब भी एक प्रभावी टीका उपलब्ध हो तब उससे ही इसे रोका जा सकता है। 

 - Satya Hindi

बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि चूँकि ब्रिटेन में नये क़िस्म के वायरस का बढ़ता संक्रमण काफ़ी पेंचिदा है, इसलिए इस स्ट्रेन से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करना और भारत में इसके संक्रमण को सही तरीक़े से रोकना महत्वपूर्ण है। 

बता दें कि कोरोना का नया स्ट्रेन या नये क़िस्म के कोरोना की ख़बर आने पर दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है। ब्रिटेन अकेला देश नहीं है जहाँ म्यूटेशन वाले कोरोना का नया रूप सामने आया है। डेनमार्क, जिब्राल्टर, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इटली में भी नये क़िस्म का वायरस मिला है।

वीडियो चर्चा में देखिए, भारत में कोरोना का नया खौफ़...

नये क़िस्म के कोरोना का यह ख़ौफ़ ब्रिटेन में ही नहीं है, बल्कि भारत सहित दुनिया भर में है। इसी ख़तरे के मद्देनज़र अधिकतर यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन की सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूरोप के अलावा दुनिया भर के कई देशों ने भी ऐसे ही फ़ैसले लिए हैं।

भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली सारी फ़्लाइट्स पर रोक लगा दी है। 31 दिसंबर की रात 11:59 बजे तक लागू रहेगी। महाराष्ट्र सहित कई राज्य सरकारों ने भी रात का कर्फ्यू लगाया है। 

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