भारत में कोरोना संक्रमित मृतकों की संख्या 1 लाख से ज़्यादा हुई
भारत में कोरोना संक्रमित 1 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। देश में संक्रमित लोगों की संख्या 64 लाख से ज़्यादा हो गई है और इसमें से 54 लाख से ज़्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है और सबसे ज़्यादा मौत के मामले में तीसरे स्थान पर है।
भारत में मौत का यह आँकड़ा क़रीब 1 लाख 700 है जबकि अमेरिका में यह आँकड़ा 2 लाख 8 हज़ार से ज़्यादा है और ब्राज़ील में 1 लाख 44 हज़ार से ज़्यादा। सबसे ज़्यादा मौत के मामले में चौथे स्थान पर मेक्सिको में 78 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं और पाँचवें स्थान पर इंग्लैंड में 42 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं।
पूरी दुनिया में 10 लाख से ज़्यादा मौतें हुई हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो दुनिया में हर 10 मौतों में से एक मौत भारत में हुई है। हाल के दिनों में हर रोज़ दुनिया में 4 हज़ार से 6 हज़ार के बीच मौतें हो रही हैं, जबकि भारत में क़रीब 1 हज़ार हर रोज़ मौतें हो रही हैं। हालाँकि एक अच्छी ख़बर यह है कि देश में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर कम हुई है और यह 1.56 तक पहुँच गई है।
भारत में हर रोज़ मौत के मामले सबसे ज़्यादा तो आ ही रहे हैं, कोरोना संक्रमण के मामले भी सबसे ज़्यादा आ रहे हैं। भारत में जहाँ 80-90 हज़ार के आसपास संक्रमण के मामले आ रहे हैं वहीं दूसरे देशों में यह संख्या कम हो गई है। कुछ दिन पहले तक तो भारत में हर रोज़ संक्रमितों की संख्या क़रीब 99 हज़ार पहुँच गई थी।
अमेरिका में हाल के दिनों में 50 हज़ार संक्रमण के मामले आ रहे हैं। कुछ दिन पहले यह संख्या 40 हज़ार के आसपास तक पहुँच गई थी। अमेरिका में एक दिन में सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले 24 जुलाई को क़रीब 78 हज़ार आए थे।
ब्राज़ील में हर रोज़ संक्रमण के मामले क़रीब 35 हज़ार आए थे। वहाँ सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले 29 जुलाई को क़रीब 70 हज़ार आए थे।
भारत में कोरोना संक्रमण और मौत दोनों ही मामलों में महाराष्ट्र सबसे अव्वल है। महाराष्ट्र में 13 लाख से ज़्यादा संक्रमितों की संख्या है और क़रीब 38 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु और कर्नाटक में भी 9-9 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और आँध्र प्रदेश में भी 5-5 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं। केरल, बिहार, असम और आँध्र प्रदेश में मौत दर अपेक्षाकृत काफ़ी कम रही है।