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कोरोना: 4 माह में आए थे 1.9 लाख केस, पिछले एक माह में ही आ गए 4 लाख मामले

कोरोना: 4 माह में आए थे 1.9 लाख केस, पिछले एक माह में ही आ गए 4 लाख मामले

कोरोना संक्रमण पर भले ही लगातार दावे किए जा रहे हों कि रिकवरी रेट यानी मरीज़ों के ठीक होने की दर बढ़ गई है और डबलिंग रेट में सुधार है, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने की रफ़्तार उन सब दावों पर पानी फेर देता है।

कोरोना संक्रमण पर भले ही लगातार दावे किए जा रहे हों कि रिकवरी रेट यानी मरीज़ों के ठीक होने की दर बढ़ गई है और डबलिंग रेट में सुधार है, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने की रफ़्तार उन सब दावों पर पानी फेर देता है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5,85,493 है। लेकिन इसमें से क़रीब 4 लाख लोग तो पिछले एक महीने में ही संक्रमित हुए हैं। जबकि देश में 30 जनवरी को कोरोना संक्रमण का पहला मामला आया था। यानी मई तक पिछले चार महीने में एक लाख 90 हज़ार लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन जून में यह संख्या क़रीब 5 लाख 90 हज़ार के पास पहुँच गई है। अब संक्रमण बढ़ने की रफ़्तार कितनी तेज़ हो गई है इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की हर रोज़ होने वाली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राहत देने वाली सकारात्मक आँकड़ों के साथ ही हर रोज़ के संक्रमण की स्थिति भी बताई जाती है। बुधवार को भी बताया गया कि भारत में बीते 24 घंटों में संक्रमण के 18,653 मामले सामने आए हैं और 507 लोगों की मौत हुई है। 

अब हर रोज़ क़रीब 18-20 हज़ार संक्रमण के मामले आने को कम रफ़्तार नहीं कहा जा सकता है। हर रोज़ संक्रमण के मामले अब भारत से ज़्यादा सिर्फ़ अमेरिका (क़रीब 45 हज़ार) और ब्राज़ील (क़रीब 35-40 हज़ार) में ही आ रहे हैं। 

देश में संक्रमण बढ़ने की इस रफ़्तार को शुरुआत से देखें तो मामले लगातार बढ़ते हुए दिखते हैं। 30 जनवरी को पहला मामला आने के बाद 31 फ़रवरी तक सिर्फ़ 3 मामले थे। 24 मार्च को जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की थी तब सिर्फ़ 564 कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले थे। 31 मार्च तक क़रीब 1400 मामले आए थे। अप्रैल के आख़िर में यह संख्या बढ़कर क़रीब 35 हज़ार के पास पहुँच गई। मई के आख़िर तक यह संख्या क़रीब 1 लाख 90 हज़ार हो गई। और जून के आख़िर में क़रीब पाँच लाख 86 हज़ार हो गई। 

  1. जनवरी में संक्रमण का 1 मामला आया
  2. फ़रवरी में संक्रमण के 2 मामले आये
  3. मार्च में संक्रमण के क़रीब 1400 केस आए
  4. अप्रैल में क़रीब 33.5 हज़ार केस आए
  5. मई में क़रीब 1 लाख 55 हज़ार केस आए
  6. जून में क़रीब 3 लाख 95 हज़ार केस आए

इस बीच लॉकडाउन भी लगाया गया था। तब शुरुआत में ऐसे लगा जैसे रफ़्तार धीमी हो, लेकिन बाद में ऐसा बिल्कुल ही नहीं लगा। 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद 18 मई को लॉकडाउन के 55 दिन में ही कोरोना संक्रमितों संख्या 564 से बढ़कर एक लाख से ज़्यादा हो गई। 

  • 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के दिन तक क़रीब 650 मामले आए थे।
  • पहले लॉकडाउन की समाप्ति पर 14 अप्रैल तक क़रीब 11 हज़ार पॉजिटिव केस हो गए। 
  • दूसरे लॉकडाउन की समाप्ति पर 3 मई तक क़रीब 42 हज़ार पॉजिटिव केस आ गए थे। 
  • तीसरे लॉकडाउन की समाप्ति पर 17 मई तक 95 हज़ार से ज़्यादा मामले आ गए थे। 
  • चौथे लॉकडाउन के पहले दिन 18 मई को यह 1 लाख पार कर गया। 

इसके बाद भी लॉकडाउन बढ़ाया गया, लेकिन ढील भी काफ़ी ज़्यादा दी गई। लेकिन इस बीच ही संक्रमण फैलने में काफ़ी तेज़ी आ गई। 

संक्रमण की रफ़्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहला मामला आने के बाद 1 लाख तक पहुँचने में 111 दिन लगे थे, लेकिन अब एक लाख केस बढ़ने में सिर्फ़ छह दिन लग रहे हैं। 

कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख से 2 लाख तक पहुँचने में सिर्फ़ 15 दिन लगे, दो लाख से 3 लाख पहुँचने में 10 दिन लगे, चार लाख पहुँचने में 8 दिन लगे और पाँच लाख पहुँचने में 6 दिन लगे।

कोरोना मरीज़ों की मौत के मामले भी भी इसी तेज़ी से बढ़ते गए हैं। देश में मौत का पहला मामला 12 मार्च को आया था। 31 मार्च तक 35 लोगों की मौत हो गई थी। 30 अप्रैल तक क़रीब 1150 लोगों की मौत हो चुकी थी। 31 मई तक 5400 लोगों की मौत हो गई और 30 जून तक 17 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 

हालाँकि इसके साथ ही ठीक होने वाले कोरोना मरीज़ों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। अब 3,47,978 लोग ठीक हो चुके हैं और फ़िलहाल 2,20,114 लोग ही संक्रमित हैं। भारत में अब तक संक्रमित होने वालों की संख्या 5,85,493 हो चुकी है और 17,400 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। यह संक्रमण चीन से लौटे छात्र में पाया गया था। 

भारत चौथे स्थान पर

सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले में भारत चौथे स्थान पर है। पहले स्थान पर अमेरिका है। वहाँ 27 लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं और 1 लाख 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। इसके बाद ब्राज़ील दूसरे स्थान पर है जहाँ क़रीब 14 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 59 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। तीसरे स्थान पर रूस में 6 लाख 54 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं और 9500 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। 

बता दें कि पूरी दुनिया में संक्रमण के मामले एक करोड़ 6 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। अब तक 5 लाख 14 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालाँकि ठीक होने वालों की संख्या 58 लाख से ज़्यादा हो गई है। 

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