अमेरिका में कोरोना वायरस की चपेट में आकर लगभग 60 हज़ार लोगों की मौत हो सकती है। कोरोना पर बने व्हाइट हाउस टास्क फ़ोर्स के प्रमुख एंटनी फ़ॉची ने अमेरिकी टेलीविज़न एनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में यह दावा किया है। वह यू. एस. नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ एलर्जी एंड इन्फ़ेक्शस डिजीज़ के प्रमुख भी हैं।
फ़ॉची ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी, ऐसा लगता है कि यह संख्या एक से दो लाख नहीं, 60 हज़ार होगी।’
सोशल डिस्टैंसिंग का नतीजा
हालाँकि उन्होंने यह भी कहा है कि इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को पहले से बेहतर करना होगा और अधिक मुस्तैदी भी रखनी होगी। फ़ॉची ने यह भी कहा कि आँकड़ों से यह साफ़ है कि सोशल डिस्टैंसिंग और रोकथाम के दूसरे उपाय अपनाने की वजह से स्थिति में सुधार हुआ है।
इसके पहले व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की डेबोरा बर्क्स ने 31 मार्च को कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण से महीने भर में 2.40 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईस्टर के मौके पर सोशल डिस्टैंसिंग ख़त्म करने के फैसले को टाल दिया था और इसे 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कोरोना से मरने वालों की संख्या एक लाख तक सीमित रही तो यह बड़ी बात होगी।
इसके पहले लंदन के इंपीरियल कालेज की एक टीम ने यह भविष्यवाणी की थी कि अमेरिका में बीस लाख लोगों की जान कोरोना महामारी की वजह जा सकती है। इस खबर से पूरी दुनिया में हंगामा मच गया था। अमेरिका तब तक कोरोना को ज़्यादा गंभीरता से नहीं ले रहा था।
इसी तरह, न्यूयॉर्क टाइम्स ने ख़बर दी थी कि अमेरिका के सेंटर्स फ़ॉर डिजीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन (सीडीसी) ने दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने और विशेषज्ञों की मदद लेने के बाद एक अनुमान लगाया है।
इस मॉडल में पाया गया है कि अमेरिका में 16 करोड़ से लेकर 21.4 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते हैं। इस अध्ययन में यह भी पाया गया है कि दो लाख से 17 लाख लोग कोरोना संक्रमण से मर सकते हैं।