कोरोना के इन्फेक्शन को रोकने के लिए शनिवार को दिल्ली और मुंबई के हवाईअड्डों पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का कोरोना वायरस परीक्षण शुरू हो गया। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी कोरोना से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे हैं।
हर अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आने वाले यात्रियों में से दो फीसदी की रैंडम चेकिंग शनिवार से की जा रही है। हर फ्लाइट में ऐसे यात्रियों की संबंधित एयरलाइंस द्वारा पहचान की जाएगी और नमूना जमा करने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। एंट्री प्वाइंट पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण पाए जाने वालों को तुरंत अलग कर दिया जाएगा।
हवाईअड्डा अधिकारियों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय आगमन वाले यात्रियों का परीक्षण दिल्ली और मुंबई आज 24 दिसंबर की सुबह से शुरू हो गया है।
दिल्ली हवाईअड्डे ने सुबह एक ट्वीट में कहा-हम तैयार हैं! आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अंतरराष्ट्रीय आगमन वाले यात्रियों के लिए 2% रैंडम सैंपलिंग आज सुबह 10 बजे से टी 3 पर शुरू।एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सभी से परीक्षण प्रक्रियाओं के दौरान ऑन-ग्राउंड कर्मचारियों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया।
अस्पतालों में तैयारीः दिल्ली के कई प्राइवेट अस्पतालों ने कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच तैयारी शुरू कर दी है। संभावित कोरोना मरीजों के लिए अलग आइसोलेशन रूम, दवाओं का स्टॉक किया जा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों ने अपने विभाग प्रमुखों को मास्क पहनने और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करने सहित कोविड दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। अस्पतालों ने कहा कि उन्होंने किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रखा है।
कोविड-19 के दो हमलों ने भारतीय अस्पतालों के बुनियादी ढांचों का सच सामने ला दिया था। अस्पतालों के लिए वो सीखने का अनुभव था। लेकिन अब चिकित्सा सुविधाएं दावा कर रही हैं कि वे BF 7 वैरिएंट के बढ़ने की स्थिति में पूरी तरह से तैयार हैं।
दिल्ली में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक आपातकालीन बैठक की थी। देश में इस वैरिएंट के कुल चार मामले हैं, हालांकि दिल्ली में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि हमारे अस्पताल में वर्तमान में 450 समर्पित कोविड बेड हैं, जिनमें 50 आईसीयू बेड शामिल हैं। हमारे पास जीनोम सीक्वेंसिंग लैब भी है। कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। हम पूरी तरह से तैयार हैं।
आरएमएल अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक नंदिनी दुग्गल ने कहा कि अस्पताल मरीजों और उनके रिश्तेदारों को सभी एहतियाती उपाय, विशेष रूप से मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करने और सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। सभी एचओडी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विभागों में दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करें। वरिष्ठ डॉक्टर ने जोर देकर कहा कि अस्पताल बिस्तर, ऑक्सीजन आपूर्ति और दवाओं के मामले में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता ने भी कहा कि उनके यहां आइसोलेशन बेड, मैनपावर, ऑक्सीजन की आपूर्ति और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए आवश्यक पीपीई के मामले में पर्याप्त तैयारी है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स, द्वारका की डॉ. चारू गोयल सचदेवा, एचओडी और कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन ने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है और देश में टीकाकरण की स्थिति स्थिर है। हमारी स्थिति चीन से काफी अलग है जहां वे काफी समय से एक शून्य कोविड नीति का पालन कर रहे हैं और एक बार जब यह उलट गया, तो लोग इस इन्फेक्शन के संपर्क में आने लगे हैं, जो वे पहले इसके संपर्क में नहीं आए थे।