फ़ैसले नहीं लेने देंगे तो मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा: सिद्धू
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अब अपने नए बयान को लेकर चर्चा में हैं। सिद्धू का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे ईंट से ईंट बजाने की बात कह रहे हैं।
सिद्धू गुरूवार को अमृतसर में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। तेवरों और बोलने की अलग शैली को लेकर पहचाने जाने वाले सिद्धू अपनी रौ में जो कुछ बोल गए, उसे हज़म कर पाना शायद कांग्रेस हाईकमान के लिए भी आसान नहीं होगा।
सिद्धू ने कहा, “आज भी मैं हाईकमान से यह बात कहकर आया हूं कि अगर मैं इस पंजाब मॉडल पर, लोगों की आशाओं पर खरा उतरा तो 20 साल तक कांग्रेस को जाने नहीं दूंगा, अगर आप मुझे फ़ैसले नहीं लेने देंगे तो मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा।” सिद्धू ने एक नहीं दो बार इस बात को कहा कि वे ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने कहा कि दर्शनी घोड़ा बने रहने से कोई फ़ायदा नहीं है।
सिद्धू के बयान पर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि वह मीडिया में चल रही बातों के आधार पर सिद्धू से सवाल नहीं कर सकते और उन्हें पूरे संदर्भ को देखना होगा। उन्होंने कहा कि सिद्धू प्रदेश के अध्यक्ष हैं, उनके अलावा और कौन फ़ैसले ले सकता है।
बीते कुछ दिनों में एक बार फिर अमरिंदर के ख़िलाफ़ बग़ावत तेज़ हुई है और बग़ावती नेताओं का कहना है कि उनके साथ 46 विधायकों का समर्थन है। लेकिन बग़ावती रूख़ दिखा रहे नेताओं को हरीश रावत ने समझा दिया है कि अमरिंदर सिंह ही पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन रहेंगे। रावत ने कहा था कि कांग्रेस 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्टन की क़यादत में ही लड़ेगी।
रावत के बयान से साफ हो गया था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुरजोर विरोध के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने वाला हाईकमान इस बार कैप्टन के साथ है। साथ ही वह सिद्धू से ख़फ़ा है, यह बात भी उसने साफ कर दी थी।
अमरिंदर ने दिखाया दम
इसी के बीच, अमरिंदर ने भी पलटवार करते हुए शुक्रवार को चंडीगढ़ में अपनी सियासी ताक़त दिखाई और कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के आवास पर रखे गए डिनर में 58 विधायकों और 8 सांसदों को जुटा लिया।
अमरिंदर सिंह के गुट की ओर से इस डिनर की तसवीरें और वीडियो भी जारी किए गए हैं। इस डिनर में अमरिंदर की कैबिनेट के 8 मंत्री भी शामिल रहे।
पंजाब में छह महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सिद्धू की यह बयानबाज़ी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकती है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह हाल ही में दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिले थे और उन्होंने सिद्धू की शिकायत की थी। सिद्धू के सलाहकारों के बयानों और फ़ेसबुक पोस्ट्स को लेकर भी ख़ासा विवाद हो चुका है।
हरीश रावत की चेतावनी के बाद सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफ़ा तो दे दिया लेकिन सिद्धू ने ये ईंट से ईंट बजाने वाला बयान देकर ख़ुद के लिए मुसीबत खड़ी कर ली है। इस बारे में वे क्या स्पष्टीकरण पार्टी हाईकमान को देंगे, ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन कांग्रेस को अगर 2022 का चुनाव जीतना है तो उसे सिद्धू की लगाम कसनी ही होगी।
इधर, सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफ़ा दे दिया है। माली की कुछ हालिया फ़ेसबुक पोस्ट को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था और बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया था। इसके अलावा सिद्धू के एक और सलाहकार प्यारे लाल गर्ग के बयान को लेकर भी विवाद हुआ था और इसके बाद हरीश रावत ने कहा था कि सिद्धू को इन सलाहकारों को हटा देना चाहिए और ज़रूरत पड़ी तो वे इन्हें हटाने का निर्देश देंगे।