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पन्नू की हत्या की साजिशः यूएस कोर्ट ने सबूत मांगे,बाइडेन सरकार का इनकार 

पन्नू की हत्या की साजिशः यूएस कोर्ट ने सबूत मांगे,बाइडेन सरकार का इनकार 

52 वर्षीय निखिल गुप्ता को जून में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू को खत्म करने की कथित विफल साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने कोर्ट में इस संबंध में निखिल गुप्ता के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था। अदालत ने अब बाइडेन सरकार से इसके सबूत मांगे हैं कि निखिल गुप्ता भारतीय खुफिया अधिकारी के इशारे पर काम कर रहा था। जानिए पूरी कहानीः

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने जो बाइडेन प्रशासन को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के वकीलों द्वारा दायर एक प्रस्ताव का जवाब देने का आदेश दिया है, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कथित साजिश में उसके खिलाफ आरोपों से संबंधित सबूत की मांग की गई है। 

हालांकि, अमेरिकी सरकार ने कोर्ट में इस पर आपत्ति जताई और कहा कि अदालत में निखिल गुप्ता को पेश किए जाने के बाद ही यूएस सरकार कोई सबूत और जानकारी निखिल गुप्ता के वकील को देगी।


अमेरिकी जिला जज विक्टर मारेरो ने आदेश में कहा, "4 जनवरी, 2024 को, बचाव पक्ष के वकील ने एक अर्जी दाखिल की, जिसमें अनुरोध किया गया कि अदालत एक आदेश जारी करे जिसमें सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह बचाव पक्ष के वकील के सामने सबूत पेश करें। अदालत ने इसके बाद बाइडेन सरकार से कहा कि इस आदेश की तारीख के तीन दिनों के भीतर जवाब दाखिल किया जाए।"

अमेरिकी जांच एजेंसी ने 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उन्हें खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या के लिए भारतीय खुफिया अधिकारी ने नियुक्त किया था। इसके बाद गुप्ता ने वहां एक कॉन्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया। वो शख्स खुद एक जासूस भी था। उसने अमेरिकी जांच एजेंसियों को फौरन सतर्क कर दिया। निखिल को जून में पन्नू को खत्म करने की कथित विफल साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। मोदी सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है।

पीटीआई के मुताबिक निखिल गुप्ता दिल्ली का एक कारोबारी है। पिछले साल उन्हें चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता पर कॉन्ट्रैक्ट किलर का आरोप लगा है। यह एक ऐसा अपराध है जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है। यूएसए के अटॉर्नी मैथ्यू जी. ऑलसेन ने पीटीआई को यह जानकारी दी है।

इस साल की शुरुआत में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने गुप्ता के एक अज्ञात परिवार के सदस्य द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें गिरफ्तार भारतीय नागरिक को उसके मुकदमे और प्रत्यर्पण को चुनौती देने के लिए कांसुलर पहुंच और कानूनी सहायता की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार तय करेगी कि इस पर कैसे आगे बढ़ना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करना चाहिए।

भारत ने कहा था कि वह तमाम आरोपों की जांच कर रहा है जो बेहद गंभीर हैं। गुप्ता के परिवार ने यह आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया कि निखिल गुप्ता को प्राग में अलग-थलग रखा गया था और मांस और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया था। भारत में इस मामले को लेकर जो जांच चल रही है, उसका कोई नतीजा सामने नहीं आया है। कनाडा में एक अन्य खालिस्तानी नेता और भारत में आतंकवादी घोषित हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि कनाडाई नागरिक निज्जर की हत्या भारतीय एजेंटों ने की है। इसके बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को कनाडा से निष्कासित कर दिया। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। अभी तक दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं।

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