सीडब्ल्यूसी बैठक: सोनिया ही अध्यक्ष रहेंगी, राहुल के पक्ष में कार्यकर्ता
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने तक पार्टी का नेतृत्व करती रहेंगी। कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी ने रविवार को यह फ़ैसला किया। उत्तर प्रदेश सहित पाँच राज्यों में चुनाव में ख़राब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक हुई, लेकिन इससे पहले ही राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष नामित करने की मांग और तेज हो गयी। पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल के कार्यभार संभालने के लिए समर्थन किया। राहुल गांधी के समर्थन में नारे लगाए गए। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो साझा किए गए हैं।
#CWC meet continues at AICC headquarters in #Delhi … Meanwhile outside party office, workers including @IYC members continue to shout slogans in favour of Mr @RahulGandhi @AbhijitRajINC @IYC @IYCJharkhand pic.twitter.com/48l2N0kQpx
— माे० आसिफ (@Zohaibasif_IYC) March 13, 2022
कांग्रेस कार्यसमिति यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राहुल गांधी की तरह नहीं भिड़ता है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार गहलोत ने कहा, 'प्रधानमंत्री को राहुल गांधी पर निशाना साधकर अपना भाषण शुरू करना पड़ता है, आप समझ सकते हैं कि इसका क्या मतलब है।'
पाँच राज्यों में पार्टी के हालिया चुनावों की समीक्षा के लिए सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक रविवार को दिल्ली में हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की।
बैठक से पहले से ही कयास लगाया जा रहा है कि क्या कांग्रेस वर्किंग कमेटी में कुछ बड़ा निर्णय लिया जा सकता है? कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले कुछ कांग्रेस नेताओं ने आज सुबह सोनिया गांधी के घर पर मुलाकात की थी। कयास लगाया गया कि कांग्रेस नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस अपने आंतरिक चुनाव को आगे बढ़ा सकती है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आज होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक में अगस्त-सितंबर में होने वाले कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव को अब दो-तीन महीने आगे बढ़ाया जा सकता है।
सीडब्ल्यूसी में गांधी परिवार के वफादारों का बोलबाला है। सीडब्ल्यूसी पार्टी का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो सारे फैसले लेती है। देखना है कि गांधी परिवार के वफादार ऐसी स्थिति बनने पर क्या फैसला लेते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि नेतृत्व पद छोड़ने की पेशकश कर रहा है। बता दें कि राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद इन्हीं हालात में पहले छोड़ा था। सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार के वफादारों ने परिवार को अपना समर्थन फिर से देने की बात कही है। गांधी परिवार से कहा गया है कि पार्टी को इन हालात में उन तीनों की ज्यादा जरूरत है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस बार करीब 56 सदस्यों को बुलाया गया। समझा जाता है कि कुछ सीडब्ल्यूसी सदस्य नेतृत्व में बदलाव की मांग कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार भी महसूस करता है कि स्थिति पहले जैसी नहीं है। जी-23 असंतुष्ट गुट के एक नेता ने कहा कि गांधी परिवार के प्रस्ताव से पार्टी को एक बोझ से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
हालांकि उस नेता का कहना है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि सोनिया गांधी की शुरुआती टिप्पणियों के बाद हालात कैसे बनते हैं। 2019 में राहुल गांधी ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं। इतनी पुरानी पार्टी कोई नया अध्यक्ष तक नहीं खोज पाई है।
गुरुवार को घोषित 5 राज्यों के चुनाव नतीजों में पार्टी का बेहद खराब प्रदर्शन जारी रहा। इसने अपने नियंत्रण वाले प्रमुख राज्यों में से एक, पंजाब को आम आदमी पार्टी के हाथों खो दिया। तीन अन्य राज्यों- उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक मजबूत लड़ाई लड़ने में विफल रही, जहां उसने वापसी की उम्मीद की थी। यूपी में, जहां चुनाव अभियान का नेतृत्व प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया था, कांग्रेस को 403 में से सिर्फ 2 सीटें मिलीं, पिछले चुनावों के मुकाबले पार्टी को 5 सीटों का नुकसान हुआ। पार्टी को महज 2.4 फीसदी वोट मिले।