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कांग्रेस कार्यसमिति: अगले साल सितंबर में होगा अध्यक्ष पद का चुनाव

कांग्रेस कार्यसमिति: अगले साल सितंबर में होगा अध्यक्ष पद का चुनाव

कांग्रेस आलाकमान पर नया अध्यक्ष चुनने और इसके बारे में एलान करने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा था। आख़िरकार इसका एलान हो ही गया। 

शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आख़िरकार यह बात साफ हो ही गई कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कब होगा। कांग्रेस ने बताया है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव अगले साल अगस्त-सितंबर के महीने में होगा। 

निश्चित रूप से कांग्रेस आलाकमान पर नया अध्यक्ष चुनने और इसके बारे में एलान करने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा था। कांग्रेस नेतृत्व को असहज करने वाले G-23 गुट के नेताओं ने नया अध्यक्ष चुने जाने की मांग कई बार सार्वजनिक रूप से उठाई थी। 

पूरे देश में चलेगा सदस्यता अभियान 

कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि कांग्रेस पूरे देश में सदस्यता अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ब्लॉक से लेकर बूथ अध्यक्ष, जिला और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव होगा। 

सुरजेवाला ने बताया कि 1 नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक सदस्यता अभियान चलेगा। इसके बाद 16 अप्रैल 2022 से 31 मई 2022 तक प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के सदस्य और ब्लॉक अध्यक्ष आदि का चुनाव होगा, 1 जून 2022 से 20 जुलाई 2022 तक जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के सदस्यों का चुनाव होगा, 21 जुलाई 2022 से 20 अगस्त 2022 तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों का चुनाव होगा, 21 अगस्त 2022 से 20 सितंबर 2022 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। 

राहुल गांधी करेंगे विचार 

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से यह बात भी निकलकर सामने आई कि राहुल गांधी ने कहा है कि वह फिर से पार्टी अध्यक्ष का कामकाज संभालने पर विचार करेंगे। उनसे इस बारे में कांग्रेस शासित तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी ने भी अपील की थी। 

कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्ष को बताया था कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कोई कब्जा नहीं किया है और तब से उनकी चुप्पी हमारे देश को महंगी पड़ रही है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने बीते दिनों में जम्मू-कश्मीर में हुई हत्याओं की निंदा की। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपाई शासित राज्यों को नुकसान में रखने का कोई मौका नहीं छोड़ती है।

सुरजेवाला ने कहा, कार्यसमिति की बैठक में रखे गए एक प्रस्ताव में कहा गया कि कांग्रेस किसानों और खेत मजदूरों के साथ लड़ाई लड़ने के अपने संकल्प को दोहराती है। 

सुरजेवाला ने कहा कि पूरे देश में व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यसमिति के सभी सदस्यों ने सोनिया गांधी और उनके नेतृत्व में पूरा भरोसा जताया है।

सुरजेवाला ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना और मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त न करना बेहद शर्मनाक घटना है। 

 - Satya Hindi

कांग्रेस के लिए बीते कुछ महीने बेहद ख़राब रहे हैं। पंजाब कांग्रेस में लंबे वक्त तक चली सियासी उथल-पुथल के अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सत्ता संघर्ष की ख़बरें सामने आईं। 

‘हूजूर-23 नहीं हैं’

कांग्रेस नेतृत्व को लगातार असहज करने वाले G-23 गुट के नेताओं ने भी इस बीच बयान जारी किए। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कुछ दिन पहले कहा था कि कांग्रेस में अभी कोई निर्वाचित अध्यक्ष नहीं है और वे नहीं जानते कि पार्टी में कौन फ़ैसले ले रहा है। उन्होंने यह कहकर भी तंज कसा था कि वे G-23 हैं, हूजूर-23 नहीं हैं। 

इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया था। जिसे लेकर शशि थरूर सहित कुछ और नेताओं ने नाराज़गी जताई थी। 

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