पेगासर स्पाईवेयर पर संसद को गुमराह करने के खिलाफ कांग्रेस बजट सत्र में आईटी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। चौधरी ने पत्र में "मांग की कि पेगासस मुद्दे पर सदन को जानबूझकर गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू किया जाए।" लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के एक दिन बाद यह पत्र भेजा है। अखबार की खबर में दावा किया गया था कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली का सौदा 2 अरब डॉलर का मुख्य हिस्सा थे।
अधीर रंजन चौधरी ने लिखा, "पेगासस मुद्दे ने पिछले साल संसद के मॉनसून सत्र को हिलाकर रख दिया था और विपक्षी दलों ने इस घोटाले पर चर्चा की मांग की थी कि सरकार राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, जजों और सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार, सदन के पटल पर, हमेशा यह कहती रही कि उसका पेगासस स्पाईवेयर से कोई लेना-देना नहीं है और उसने कभी भी एनएसओ समूह से पेगासस स्पाईवेयर नहीं खरीदा। एक शपथ पत्र में, सरकार ने कहा था, 'स्पष्ट रूप से, हम पेगासस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ किसी भी और सभी आरोपों से इनकार करते हैं'। चौधरी ने कहा -
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पेगासस की खरीद और तैनाती को लेकर सीधे तौर पर सवाल किए जाने पर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से भी झूठ बोला।
-अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस सांसद
'द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन' शीर्षक वाली न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस और एक मिसाइल सिस्टम 2017 में भारत और इजरायल के बीच 2 अरब डॉलर के सौदे के "मुख्य बिंदु" थे। रिपोर्ट में जुलाई 2017 में पीएम मोदी की इजरायल यात्रा का भी जिक्र है।
"दशकों से, भारत ने 'फिलिस्तीनी पर प्रतिबद्धता' की नीति को बनाए रखा था, और कुल मिलाकर इजरायल के साथ उसके संबंध ठंडे थे। पेगासस सौदे के दौरान ही पीएम मोदी ने 2017 में इजरायल की यात्रा की। इस दौरे में मोदी और तत्कालीन इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक समुद्र तट पर नंगे पैर एकसाथ घूमते नजर आए।
मोदी-नेतन्याहू के रिश्तों की गर्मजोशी का यह सार्वजनिक प्रदर्शन दुनिया को दिखाने के लिए था, मीडिया ने इसकी रिपोर्टिंग बढ़ा-चढ़ा कर पेश की थी। लेकिन इसकी आड़ में पेगासस खरीदा जा रहा था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों की इस गर्मजोशी के पीछे वही दो अरब डॉलर का रक्षा सौदा था, जिसमें पेगासस स्पाईवेयर और मिसाइल प्रणाली खरीदी गई। इस रिपोर्ट और उस पर विपक्षी दलों के घेरे जाने के बावजूद पीएम मोदी शनिवार को भारत-इजरायल संबंधों की वकालत करते नजर आए। दोनों देशों के संबंधों के 30 साल पूरे होने पर शनिवार को मोदी ने एक वीडियो साझा किया था।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। इस पर देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि क्या अगला रक्षा सौदा 4 अरब डॉलर का होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि शायद मोदी अब पेगासस के अपग्रेड वर्जन की मांग करेंगे।