प्रधानमंत्री जी 'आत्महत्या' पर 'चुटकुला' सुना रहे हैं, इतना संवेदनहीन: कांग्रेस
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'सुसाइड' को लेकर किए गए 'चुटकुले' के लिए निशाना साधा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर संवेदनहीन होने का आरोप मढ़ा है। पार्टी ने कहा है कि सरकारी आँकड़े बताते हैं कि 2021 में 1.64 लाख से ज्यादा भारतीयों ने खुदकुशी की। इसने कहा कि 'हमारे देश में हर रोज 450 लोग आत्महत्या करने को मज़बूर हैं और प्रधानमंत्री के लिए…'।
पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें उन हजारों परिवारों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए जो आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खो देते हैं।
हज़ारों परिवार आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खोते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 27, 2023
प्रधानमंत्री को उनका मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए!
प्रधानमंत्री मोदी के जिस बयान पर निशाना साधा गया है उसको उन्होंने बुधवार को एक मीडिया कॉन्क्लेव में दिया था। वह 'रिपब्लिक भारत' के एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे। प्रधानमंत्री ने एक प्रोफेसर द्वारा अपनी बेटी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट को पढ़ने और वर्तनी की गलती पर निराशा व्यक्त करने के बारे में एक चुटकुला सुनाया था।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आँकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि 2021 में 1,64,033 भारतीयों ने आत्महत्या की, जिनमें से एक बड़ा प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के थे। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि अवसाद और युवाओं में आत्महत्या एक त्रासदी है न कि हंसी का विषय।
कांग्रेस ने पीएम मोदी के उस भाषण के अंश को साझा करते हुए सवाल किया है कि 'आत्महत्या को लेकर कोई भी इंसान इतना संवेदनहीन कैसे हो सकता है?'
प्रधानमंत्री जी 'आत्महत्या' पर 'चुटकुला' सुना रहे हैं।
— Congress (@INCIndia) April 27, 2023
आत्महत्या को लेकर कोई भी इंसान इतना संवेदनहीन कैसे हो सकता है?
सरकारी आंकड़े बताते हैं- 2021 में 1.64 लाख से ज्यादा भारतीयों ने खुदकुशी की।
हमारे देश में हर रोज 450 लोग आत्महत्या करने को मज़बूर हैं और प्रधानमंत्री के लिए… pic.twitter.com/qVtJTZqavI
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पर एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने पीएम मोदी के बयान को लेकर कहा है कि आत्महत्या को लेकर इतना भद्दा मज़ाक़? सुप्रिया ने देश में आत्महत्या के आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि 'इस देश में आप ही के सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ 2021 में 1,64,033 आत्महत्या के मामले दर्ज हुए। मतलब रोज़ लगभग 450 लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। इनमें से 18-30 वर्ष की आयु में लगभग 34.5% थे - मतलब हर घंटे 6 से ऊपर युवा आत्महत्या...।'
आत्महत्या को लेकर इतना भद्दा मज़ाक़?
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) April 27, 2023
• इस देश में आप ही के सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ 2021 में 1,64,033 आत्महत्या के मामले दर्ज हुए.
• मतलब रोज़ लगभग 450 लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हैं.
• इनमें से 18-30 वर्ष की आयु में लगभग 34.5% थे - मतलब हर घंटे 6 से ऊपर युवा आत्महत्या… pic.twitter.com/jCi0UvdhG0
कांग्रेस के अलावा पत्रकारों और सोशल मीडिया यूज़रों ने भी पीएम मोदी के 'चुटकुले' पर तंज कसा है। लेखक अशोक कुमार पांडे ने कहा है, 'उनके लिए सब चुटकुला है। अर्थव्यवस्था, देश, हत्या, आत्महत्या... सब।'
उनके लिए सब चुटकुला है
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) April 27, 2023
अर्थव्यवस्था, देश, हत्या, आत्महत्या.. सब
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया है, " 'एक प्रोफेसर थे,और उनकी बेटी ने आत्महत्या की....' चुटकुला समाप्त हुआ... ताली बजा सकते हो।"
"एक प्रोफेसर थे,और उनकी बेटी ने आत्महत्या की...."
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) April 27, 2023
चुटकुला समाप्त हुआ... ताली बजा सकते हो।
जिस आदमी के लिए हज़ारों की मौत भी मज़ाक़ है , उससे उम्मीद कर रहे हो कि वो आत्महत्या पर मज़ाक़ ना करे ?
— Vinod Kapri (@vinodkapri) April 27, 2023
किसी के आत्महत्या की चिट्ठी पर भी जोक बन सकता है क्या प्रधानमंत्री जी? आप मीडिया में खड़े होकर आत्महत्या पर जोक कैसे बना सकते है? आप कौन सा ट्रेन्ड सेट करना चाह रहें हैं?pic.twitter.com/SvjzvhGJX4
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) April 26, 2023
आत्महत्या पर चुटकुला सुनाने वाले पहले PM बने माननीय.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) April 27, 2023
सदाफ आफरीन नाम की यूज़र ने ट्वीट किया है, 'बहुत ही अफसोस की बात है, देश के प्रधानमंत्री आत्महत्या को चुटकुला समझते हैं! 150 करोड़ से ज़्यादा की आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री अगर इस तरह की घटना को चुटकुला समझते हैं तो फिर देश की जनता विचार करे! हमारे देश मे रोज़ कहीं न कहीं बेटियां आत्महत्या करती हैं, कोई ससुराल वालों की…'।