कांग्रेस नेता शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे को लगातार अपने शब्द जाल में फंसा रहे हैं। वो एक तरह से उनको घेरने में जुटे हुए हैं। थरूर ने पहले कहा था कि खड़गे कांग्रेस में कोई बदलाव नहीं ला सकते लेकिन वो यानी थरूर ला सकते हैं। लेकिन सोमवार को उन्होंने नई बात कही।
थरूर ने कहा कि दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं है। खड़गे की यह बात सही है कि हम आपस में लड़ने की बजाय सारी ताकत बीजेपी से लड़ने में लगाएं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं मल्लिकार्जुन खड़गे जी से सहमत हूं कि कांग्रेस में हम सभी एक-दूसरे के बजाय बीजेपी से मुकाबला करें।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा था कि उन्होंने अपने साथी दावेदार शशि थरूर से कहा कि सर्वसम्मति से उम्मीदवार होना बेहतर होगा, लेकिन लोकसभा सांसद ने चुनाव लड़ने पर जोर दिया। यह लोकतंत्र है। खड़गे ने कहा था कि अब कोई जी -23 गुट नहीं है और सभी नेता आरएसएस-भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं और इसलिए उनका समर्थन कर रहे हैं।
खड़गे, जिन्होंने "एक व्यक्ति, एक पद" सिद्धांत के अनुरूप चुनाव लड़ने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया, ने रविवार को अपने कांग्रेस के राष्ट्रपति चुनाव अभियान की शुरुआत की थी।
भूपिंदर हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता, जो उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक सुधार की मांग की थी, उन्होंने अगले महीने के चुनाव के लिए उनके प्रस्तावक बनकर खड़गे की उम्मीदवारी का समर्थन किया। जबकि थरूर उम्मीद कर रहे थे कि जी 23 वाले सारे उनके साथ होंगे।
कांग्रेस में सोमवार को यह विवाद भी उठा कि थरूर ने अभी तक प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ा है। जबकि खड़गे नेता विपक्ष का पद छोड़ चुके हैं। इस पर थरूर ने सोमवार को एक औऱ ट्वीट कर बताया कि वो अध्यक्ष पद छोड़ चुके हैं।