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कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे नामांकन

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे नामांकन

अशोक गहलोत के अलावा केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर, पंजाब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। 

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन भरने का काम शुरू होगा। 30 सितंबर तक नामांकन भरे जा सकेंगे। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मत डाले जाएंगे। 19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। 

बीते दिनों में कई राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में प्रस्ताव पास किया था लेकिन अब यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा शशि थरूर भी चुनाव मैदान में उतरेंगे।

पंजाब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। 

राहुल गांधी के द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पद’ का समर्थन करने के बाद अशोक गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी होगी। हालांकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में तटस्थ रहेंगी। लेकिन अशोक गहलोत को गांधी परिवार द्वारा समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उनका जीत हासिल करना लगभग तय है।

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अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद यह बड़ा सवाल होगा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी। कांग्रेस इस पद पर किस नेता को बैठाएगी, इसे लेकर चारों ओर चर्चा है। 

कांग्रेस इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। 3570 किलोमीटर लंबी यह यात्रा 5 महीने तक चलेगी। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और इसे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होना है।

इस बीच, कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं और कम्युनिकेशन विभाग के पदाधिकारियों से अपील की है कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़े होने वाले किसी भी उम्मीदवार को लेकर किसी तरह की टिप्पणी ना करें। जयराम रमेश का यह बयान कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ की उस टिप्पणी के संदर्भ में आया है जिसमें गौरव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर पर हमला बोला था। 

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सोनिया से हारे थे जितेंद्र प्रसाद 

साल 2001 में जब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान हुआ था तब जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें बुरी तरह हार मिली थी। उस चुनाव में सोनिया गांधी को 7448 वोट मिले थे जबकि जितेंद्र प्रसाद को सिर्फ 94 मत मिले थे। इसी तरह 1997 में सीताराम केसरी ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था तो उन्हें उस वक्त कांग्रेसी रहे शरद पवार और दिवंगत नेता राजेश पायलट ने चुनौती दी थी। 

उस चुनाव में सीताराम केसरी को 6224 वोट मिले थे। शरद पवार को 882 और राजेश पायलट को 300 वोट मिले थे। उसके बाद से सोनिया और राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के चुनाव में किसी तरह की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा।

टक्कर दे पाएगा G-23 गुट?

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के कुल 9,100 मतदाता मतदान करेंगे। लेकिन क्या G-23 गुट चुनाव में सामने खड़े प्रत्याशी को टक्कर दे पाएगा। शशि थरूर और मनीष तिवारी कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं। यहां याद दिलाना होगा कि शरद पवार और राजेश पायलट जैसे बड़े नेता भी सीताराम केसरी से बुरी तरह पराजित हुए थे। देखना होगा कि G-23 गुट क्या करता है। 

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