कृषि क़ानून वापस: कांग्रेस ने मनाया ‘किसान विजय दिवस’
कृषि क़ानूनों के वापस होने पर कांग्रेस ने शनिवार को देश भर में ‘किसान विजय दिवस’ मनाया। किसान आंदोलन के दौरान सभी विपक्षी राजनीतिक दलों विशेषकर कांग्रेस ने किसानों की आवाज़ को पुरजोर तरीक़े से उठाया।
‘किसान विजय दिवस’ के दौरान कांग्रेस की राज्य व जिला-शहर इकाइयों की ओर से देश भर में मार्च निकाले गए और बैठकें भी की गईं। कांग्रेस ने कहा था कि जीत किसान की हुई है लेकिन उसने कष्ट बहुत सहे हैं। इसलिए वह आज के दिन को किसान विजय दिवस के रूप में मना रही है। एआईसीसी की ओर से इस संबंध में राज्य इकाइयों को आदेश जारी किया गया था।
बीते महीनों में राहुल गांधी ने कई बार कहा कि ये तीनों कृषि क़ानून दो-तीन उद्योगपतियों के फ़ायदे के लिए लाए गए हैं और सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही पड़ेंगे। राहुल ट्रैक्टर चलाकर संसद भी पहुंचे थे। किसान आंदोलन के कारण मोदी सरकार और बीजेपी भी बुरी तरह घिर गई थी।
सहयोगी दलों ने छोड़ा था साथ
शिरोमणि अकाली दल ने भी कृषि क़ानूनों के मुद्दे को लगातार उठाया। अकाली दल के सांसदों ने बीते संसद सत्र के दौरान लगातार प्रदर्शन कर सरकार से इन क़ानूनों को वापस लेने की मांग की थी। किसानों की नाराज़गी को देखते हुए ही शिरोमणि अकाली दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था जबकि हरियाणा में बीजेपी के साथ रहने की वजह से दुष्यंत चौटाला लगातार किसानों के निशाने पर थे।
किसानों की जीत बताया
कृषि क़ानून वापस लेने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को विपक्षी दलों ने किसानों की जीत बताया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा था कि टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान। एनसीपी ने कहा था कि इससे यह संदेश गया है कि देश एकजुट हो तो सरकार को झुकाया जा सकता है। आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि वे किसानों और पूरे देश को बधाई देते हैं।