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भोपाल लॉकडाउन और ईद पर अपने विधायक मसूद के रुख से कांग्रेस मुश्किल में!

भोपाल लॉकडाउन और ईद पर अपने विधायक मसूद के रुख से कांग्रेस मुश्किल में!

कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद त्यौहार मनाने पर अड़ गये हैं। उन्होंने आज शाम तक लॉकडाउन का निर्णय वापस नहीं होने पर आंदोलन का एलान कर अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 जुलाई की शाम से दस दिनों के टोटल लाॅकडाउन और इदुज्जुहा त्यौहार को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है। भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद त्यौहार मनाने पर अड़ गये हैं। उन्होंने आज शाम तक लॉकडाउन का निर्णय वापस नहीं होने पर आंदोलन का एलान कर अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। उधर सरकार ने जनता की जान से जुड़े मसले पर राजनीति को ग़लत बताया है। मध्य प्रदेश बीजेपी का कहना है कि राज्य की कांग्रेस और पीसीसी चीफ़ कमलनाथ को मसूद की घोषणा पर अपना स्टैंड साफ़ करना चाहिए।

भोपाल में कोरोना बेकाबू है। पिछले सप्ताह भर में एक हज़ार नये रोगी मिले हैं। संक्रमितों का आँकड़ा पाँच हज़ार पार हो गया है। हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने भोपाल में 24 जुलाई की रात आठ बजे से दस दिनों के टोटल लाॅकडाउन की घोषणा की है। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार शाम को भोपाल में एक बार फिर से लाॅकडाउन के निर्णय की जानकारी दी थी।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भोपाल में लाॅकडाउन के एलान का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। दरअसल, एक अगस्त को ईदुज्जुहा (बकरी ईद) है। जबकि तीन अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार है। मसूद का कहना है कि त्यौहारों के दौरान लाॅकडाउन किसी भी सूरत में उचित नहीं है। उन्होंने सरकार के निर्णय को हिटलर वाला फ़ैसला क़रार दिया है। मसूद ने दो टूक कह दिया है, ‘कुर्बानी किसी भी सूरत में नहीं रुकेगी।’

मसूद ने अपने समर्थकों के साथ गुरुवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस भी की। इसमें अपनी आपत्तियों को दोहराते हुए मसूद ने सरकार से माँग की है कि त्यौहारों को देखते हुए आज शाम चार बजे तक अपना फ़ैसला सरकार वापस ले। उन्होंने कहा है, ‘सरकार ने लाॅकडाउन का निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन होगा। आंदोलन के पहले चरण में शुक्रवार से दुकानों और घरों पर काले झंडे लटकाये जायेंगे।’ उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार नहीं चेती तो आंदोलन तेज़ कर दिया जायेगा।

मसूद ने बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी

आरिफ मसूद के एलान ने शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उधर मध्य प्रदेश कांग्रेस भी ख़ासी पशोपेश में है। बता दें कि मसूद की गिनती कट्टर मुसलिम नेता के तौर पर है। कांग्रेस मसूद के आंदोलन को लेकर अपना रूख़ पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर पा रही है।

मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि भोपाल में पूर्णतः बंद का फ़ैसला जनता के व्यापक हित के मद्देनज़र लिया गया है। मसूद की घोषणा को उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और संक्रमण को बढ़ाने वाला बताया है।

अग्रवाल ने कहा है, ‘पीसीसी चीफ़ कमलनाथ को मसूद के फ़ैसले पर कांग्रेस का रुख़ बिना देर किए स्पष्ट करना चाहिए।’ अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने दुर्गा जी और गणेश उत्सव को लेकर भी फ़ैसला दिया है। इस बार पंडाल नहीं लगाये जायेंगे। लोगों से घर में रहकर त्यौहार मनाने की अपील की गई है।

प्रदेश के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने भी संकेतों में कांग्रेस के एमएलए मसूद को राजनीति ना करने की सलाह दी है। मिश्रा ने कहा है, ‘सरकार ने त्यौहार अथवा धर्म को देखते हुए लाॅकडाउन का निर्णय नहीं लिया है। लोगों की जान सरकार की पहली पायदान पर है। जान है तो जहान है और त्यौहार है।’

मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने काफ़ी कुरेदे जाने पर आरिफ मसूद के आंदोलन के एलान के बारे में और उनका नाम लिये बगैर महज इतना कहा, ‘लोगों की जानमाल की रक्षा कांग्रेस का पहला दायित्व है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को लाॅकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं का प्रदाय सुनिश्चित करना चाहिए। सभी से नियमों का पालन कराया जाना भी आवश्यक है।’

सिर्फ़ लाॅकडाउन हल नहीं: मुसलिम त्यौहार कमेटी

ऑल इंडिया मुसलिम त्यौहार कमेटी के सदर डाॅक्टर औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘महज लाॅकडाउन भर कोरोना से निपटने का हल नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को ऐसे क़दम उठाना चाहिए जिससे लोग खुशी-खुशी त्यौहार मना सकें। कोरोना होने पर उपचार की उत्तम व्यवस्था हो।’

खुर्रम ने कहा, ‘वे कोरोना संक्रमण की रोकथाम से जुड़े प्रोटोकाॅल के पूरी तरह से पक्ष में हैं। लेकिन आमजन को कम से कम परेशानी में सरकार डालेगी तो बेहतर होगा। लाॅकडाउन से पैदा होने वाले आर्थिक मुश्किल भरे हालातों से उबारने के लिए भी सरकार को ठोस क़दम उठाना चाहिए।’

‘सत्य हिन्दी’ ने लाॅकडाउन और कांग्रेस विधायक मसूद के एलान को लेकर स्थानीय प्रशासन की टिप्पणी लेने का भी प्रयास किया। भोपाल डीआईजी इरशाद वली कई बार संपर्क करने पर प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी का फ़ोन भी नहीं लग पाया।

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