राहुल बोले- हिंदू व हिंदुत्व अलग चीजें; खुर्शीद से शुरू हुए विवाद में कूदे?
सलमान खुर्शीद की किताब से शुरू हुए हिंदू और हिंदुत्व के विवाद में अब राहुल गांधी भी कूद गए हैं! राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म दो अलग-अलग चीजें हैं और इस तरह के मतभेदों को तलाशने और समझने की ज़रूरत है। उनका यह बयान तब आया है जब पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेता की किताब के बाद से इस पर राजनीतिक हलचल मची है और बीजेपी इसे भुनाने में लगी है। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक ऐसे मुद्दों को छेड़ने पर कांग्रेस के लिए नुक़सानदेह भी बता रहे हैं।
लेकिन इसी बीच अब राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर खुलकर बोला। वह वर्धा में पार्टी के डिजिटल 'जन जागरण अभियान' का ऑनलाइन उद्घाटन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने इशारों में पार्टी नेता सलमान खुर्शीद की किताब पर चल रहे विवाद को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या हिंदू धर्म एक अलग धर्म के लोगों को सताने के बारे में है, जबकि उन्होंने इस पर जोर देकर कहा कि हिंदुत्व निश्चित रूप से इसी बारे में है।
LIVE: National Orientation Camp for Organisation Training, Sevagram Ashram, Wardha. https://t.co/6MbtNWXZgb
— Congress (@INCIndia) November 12, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कार्यक्रम में कहा, 'आख़िर हिदू धर्म और हिंदुत्व में क्या अंतर है? क्या वे एक ही हैं। अगर दोनों एक ही चीज हैं, तो उनके नाम भी एक ही क्यों नहीं हैं? दोनों नाम अलग क्यों हैं? हम हिंदू क्यों इस्तेमाल करते हैं, आख़िर सिर्फ़ हिंदुत्व क्यों नहीं? जाहिर तौर पर दोनों अलग-अलग चीजें हैं।'
उन्होंने कहा, 'और ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें हमें तलाशना और समझना शुरू करना है, और लोगों के एक समूह को बढ़ाना है... जो इन मतभेदों को गहराई से समझते हैं, जो इन मतभेदों को मुद्दों, व्यवहारों, कार्यों पर लागू कर सकते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने उपनिषद पढ़े हैं और यह कहीं नहीं देखा है कि 'आपको निर्दोष व्यक्ति को मारना चाहिए'। उन्होंने कहा,
“
क्या हिंदू धर्म सिख या मुसलमान को पीटने के बारे में है? जबकि हिंदुत्व बेशक यही है। लेकिन क्या हिंदू धर्म अखलाक को मारने के बारे में है?
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
बाद में राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर भी निशाना साधा और कहा, 'हमें चाहे यह पसंद हो या नहीं, लेकिन बीजेपी-आरएसएस की नफ़रत वाली विचारधारा कांग्रेस की प्यार और राष्ट्रवाद वाली विचारधारा पर भारी पड़ी है, हमें यह मानना होगा।' राहुल ने आगे कहा कि हमारी विचारधारा अभी भी ज़िंदा है और जीवंत है, लेकिन इसका प्रभाव ज़रूर कुछ कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव कम इसीलिए हुआ है, क्योंकि हम इसका अपने ही लोगों के बीच ठीक से प्रसार नहीं कर पाए।
राहुल गांधी की यह टिप्पणी तब आई है जब पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नयी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्याः नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ में राजनीतिक हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक स्टेट और नाइजीरिया के बोको हराम जैसे समूहों के 'जिहादी' इसलाम से की है। इसके बाद से इस पर विवाद छिड़ा हुआ है।
कांग्रेस के ही लोग खुर्शीद की लिखी कुछ बातों से सहमत नहीं हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने हिन्दुत्व की तुलना इसलामिक स्टेट से किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा था 'हम एक राजनीतिक सिद्धान्त के रूप में हिन्दुत्व से असहमत हो सकते हैं, लेकिन आईएसआईएस या जिहादी इसलाम से इसकी तुलना करना तथ्यात्मक रूप से ग़लत है और चीजों को बढ़ा चढ़ा कर कहने के समान है।'
कांग्रेस नेताओं के इस बयान को बीजेपी ने मुद्दा बनाया है और वह यह कहकर हमला कर रही है कि कांग्रेस हिंदुओं के ख़िलाफ़ बात करती है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान संयोग नहीं प्रयोग हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मंदिर जाने वालों को लंफगा कहा था। उन्होंने यह भी कहकर हमला किया कि हिंदू धर्म के भीतर 24 घंटे के भीतर तीन बार प्रहार होता है।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर किसी को भारतवर्ष सनातन में हिंदू या हिंदुत्व को समझना हो सर्वे भवन्ति सुखिन को समझना होगा, इसे समझे बिना कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है।