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हाथरस: अभियुक्तों का सिर कलम करने पर रकम देने का किया था एलान, कांग्रेस नेता गिरफ़्तार

हाथरस: अभियुक्तों का सिर कलम करने पर रकम देने का किया था एलान, कांग्रेस नेता गिरफ़्तार

हाथरस में दलित युवती को इंसाफ़ दिलाने के नाम पर तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों के हाथ सियासत करने का अच्छा-खासा मौका लग गया है 

हाथरस में दलित युवती को इंसाफ़ दिलाने के नाम पर तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों के हाथ सियासत करने का अच्छा-खासा मौका लग गया है और वे इसे भुनाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में व्यापक आंदोलन छेड़ा हुआ है तो लखनऊ सहित कुछ मुख्य शहरों में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर रहे हैं। 

तनावपूर्ण माहौल के बीच जब राहुल और प्रियंका गांधी हाथरस जाने की जिद पर अड़ गए तो उत्तर प्रदेश में पस्त हो चुकी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कुछ ऑक्सीजन मिलती दिखाई दी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर कई जगहों पर पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और मीडिया कर्मियों ने जैसे ही उनके मुंह के आगे माइक लगाया, वे जोश में क्या कुछ कह गए, उन्हें भी पता नहीं चला। 

प्रदर्शन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी निज़ाम मलिक ने स्थानीय पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि जिन अभियुक्तों ने बलात्कार किया है, जो लोग उनका सिर काट कर लाएंगे, उनको हमारा समाज 1 करोड़ रुपये का इनाम देगा। मलिक ने कहा कि अभियुक्तों के लिए फ़ांसी का एलान किया जाना चाहिए। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर पहले से ही जबरदस्त तनाव चल रहा है। ऐसे में निज़ाम मलिक का यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया। वीडियो वायरल होते ही पुलिस एक्शन में आ गई। 

बुलंदशहर के एसएसपी ने कहा है कि पुलिस ने इस वीडियो को बेहद गंभीरता से लिया है और कांग्रेस नेता के ख़िलाफ़ दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में तुरंत एफ़आईआर दर्ज की गई है। इसके बाद पुलिस ने मलिक को गिरफ़्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 

हाथरस में पुलिसिया दमन जारी

बहरहाल, हाथरस पीड़िता के लिए इंसाफ़ मांग रहे विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर पुलिस जमकर लाठियां भी चला रही है और दूसरी ओर हाथरस में बीजेपी से जुड़े सवर्ण समाज के लोग खुलेआम रैलियां कर रहे हैं, जुलूस निकाल रहे हैं लेकिन उनके लिए न तो धारा 144 लागू है और न पुलिस उन पर कोई कार्रवाई कर रही है। इसे लेकर जबरदस्त गुस्सा है और राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत चौधरी पर पुलिस के लाठियां चलाने का वीडियो वायरल होने के बाद योगी आदित्यनाथ की पुलिस पर सरकार के इशारे पर विपक्ष की आवाज़ को कुचलने के आरोप लग रहे हैं। 

योगी सरकार क्यों कह रही है कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ। देखिए, वीडियो - 

योगी के झूठ का पर्दाफ़ाश 

पीड़िता का परिवार बेहद ग़रीब है और ऊपर से दलित समुदाय से है। उनकी अगर कोई सुनने वाला होता तो योगी सरकार और यूपी पुलिस अभी तक युवती से बलात्कार को लेकर अंधाधुंध झूठ नहीं बोल चुकी होती। हालांकि उसके झूठों का पर्दाफ़ाश हो चुका है क्योंकि पीड़िता की मेडिको-लीगल रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पीड़िता ने बलात्कार किए जाने की बात कही थी और डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की थी। 

अभियुक्तों को बचाने की कोशिश

एक ओर विपक्षी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के इकट्ठे होने पर धारा 144 के उल्लंघन की बात पर लाठीचार्ज हो रहा है और दूसरी ओर अभियुक्तों के समर्थन में बैठकें हो रही हैं, जिनमें माइक लगा है, कुर्सियां लगी हैं और बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। योगी सरकार पर पहले दिन से लग रहे ये आरोप कि वह अभियुक्तों को बचाने की कोशिश कर रही है, इस तरह की घटनाओं से और मजबूत होते हैं। 

टीएमसी सांसदों के साथ बदतमीजी

शुक्रवार को हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जिस तरह की बदतमीजी की, उसकी काफी निंदा की गई। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ हाथरस के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने धक्का-मुक्की कर उन्हें जमीन पर गिरा दिया था। टीएमसी की एक सांसद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा था कि हम लोग पीड़िता के घर जाने की कोशिश कर रहे थे कि एक पुरूष अफ़सर ने महिला सांसद से छेड़छाड़ की। इसे लेकर ब्रायन की अफ़सर से जमकर बहस भी हुई। 

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