खटपट के बाद 'इंडिया' की बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली में
इंडिया गठबंधन की बैठक आख़िरकार तय हो गई। यह 19 दिसंबर को दिल्ली में होगी। रविवार सुबह ही सूत्रों के हवाले से ऐसी मीडिया रिपोर्ट आई थी। लेकिन अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसकी पुष्टि की है। पहले इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की बैठक 6 दिसंबर को होनी थी, लेकिन एक के बाद एक कई नेताओं के व्यस्तता का कारण बताते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार करने के कारण आख़िरी क्षण में बैठक को रद्द करना पड़ा था और फिर सिर्फ़ एक अनौपचारिक तौर पर ही बैठक हो पाई थी।
लेकिन अब जो घोषणा की गई है उसमें कहा गया है कि इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक 19 दिसंबर को होगी।
INDIA की पार्टियों के नेताओं की चौथी बैठक मंगलवार 19 दिसंबर 2023 को नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे से होगी।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 10, 2023
The 4th meeting of the leaders of INDIA parties will be held on Tuesday December 19th, 2023 in New Delhi at 3pm.
जुड़ेगा भारत
जीतेगा INDIA!
इससे पहले जो तीन बैठकें हुई थीं उसमें गठबंधन के शीर्ष नेता शामिल रहे थे। चौथी बैठक में भी शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। जयराम रमेश ने कोई कारण नहीं बताया कि 6 दिसंबर की बैठक क्यों स्थगित की गयी थी। चार राज्यों के चुनाव की मतगणना के दिन ही उस बैठक को लेकर घोषणा की गई थी। लेकिन उस बैठक को लेकर सवाल उठने लगे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, और सपा नेता अखिलेश यादव के उस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताए जाने की ख़बरें आई थीं। हालाँकि, बाद में नीतीश ने कहा था कि वह बैठक में शामिल होंगे और उन्होंने उनके शामिल नहीं होने की ख़बरों को खारिज किया था।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पिछले सोमवार को कहा था कि वह 6 दिसंबर की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी। ममता ने संवाददाताओं से कहा था, 'मुझे इंडिया गठबंधन की बैठक के बारे में नहीं पता। किसी ने मुझे बैठक के बारे में नहीं बताया और न ही कोई फोन आया। कोई जानकारी नहीं है। मेरे पास 6-7 दिसंबर तक उत्तर बंगाल में शामिल होने का कार्यक्रम है। मैंने अन्य योजनाएँ बनाई हैं। अब अगर वे फोन करते हैं तो अब मैं सोचती हूं कि मैं योजना कैसे बदलूं। अगर उन्होंने मुझे बताया होता तो मैं चली जाती।'
तब मीडिया रिपोर्ट यह भी आई थी कि जदयू प्रमुख ललन सिंह और बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा इंडिया की बैठक में शामिल होंगे। नीतीश कुमार के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भी शामिल नहीं होने की ख़बरें आई थीं।
पाँच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर तीखी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की थीं। नीतीश कुमार के जेडीयू ने कहा था कि कांग्रेस की हार उसके 'घमंड' की वजह से हुई है। टीएमसी ने कहा था कि उसकी यह हार 'ज़मींदारी एटीट्यूड' की वजह से हुई है। उमर अब्दुल्ला ने भी कहा था कि यदि कांग्रेस समाजवादी पार्टी को मध्य प्रदेश में कुछ सीटें चुनाव लड़ने के लिए दे देती तो क्या हो जाता। अखिलेश यादव ने चुनाव के बीच ही कांग्रेस को लेकर इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाए थे।
'इंडिया' गठबंधन का ही हिस्सा समाजवादी पार्टी कांग्रेस पर हमला करते-करते नये मोर्चे की बात करने लगी थी। पीडीए पर आधारित नया मोर्चा। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। हालाँकि वह इसकी बात काफी पहले से कहते रहे हैं, लेकिन इसके आधार पर नये मोर्चे की बात पहली बार की थी।
उससे पहले अखिलेश ने भाजपा के साथ ही कांग्रेस पर भी निशाना साधा था और उम्मीद जताई थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए के तहत छोटे दलों के गठबंधन से दोनों पार्टियां हार जाएंगी। अखिलेश ने तब कहा था कि 'कांग्रेस समाजवादी पार्टी को अपने गठबंधन सहयोगी के रूप में नहीं चाहती है। वे आम आदमी पार्टी के खिलाफ बोलते रहे हैं। कांग्रेस के पास छोटे दलों के साथ गठबंधन करने और आगे बढ़ने का मौका था लेकिन उन्हें लगता है कि आम लोग उनके साथ खड़े हैं। पीडीए उन्हें करारा जवाब देगा।'
उससे पहले भी अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर ऐसे ही आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस चालू पार्टी है। उन्होंने कहा था कि 'कांग्रेस और बीजेपी की बातों में मत आना। कांग्रेस भी जाति जनगणना कहने लगी है। ये इसलिए कहने लगी क्योंकि उनका जो वोट था वो सब बीजेपी में चला गया। वो वोट लेने के लिए जाति जनगणना करा रहे हैं। हम समाजवादी लोग आपको हक-सम्मान दिलाने के लिए करा रहे हैं।'
इसी बीच छह दिसंबर की बैठक स्थगित करने की घोषणा की गई थी। नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित गठबंधन के शीर्ष नेताओं के फ़ैसले के बाद बैठक 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
इंडिया गठबंधन दलों की आखिरी बैठक मुंबई में आयोजित की गई थी, जिसकी मेजबानी शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने की थी और इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पांच राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। गठबंधन ने आगामी आम चुनावों के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों पर चर्चा की थी, समन्वय समिति बनाई, और 2024 के आम चुनावों को 'जहाँ तक संभव हो' एक साथ लड़ने के लिए तीन सूत्री प्रस्ताव पारित किया था। इससे पहले विपक्षी गठबंधन के नाम - भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन यानी INDIA की घोषणा बेंगलुरु में दूसरी बैठक के दौरान की गई थी। पहली बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में की थी।