कांग्रेस का इतिहास दलित-पिछड़ों से नफरत का रहा हैः पीएम मोदी
तेलंगाना के सिकंदराबाद में शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने दलितों से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीआरएस की तरह ही कांग्रेस का भी इतिहास दलित-पिछड़ों से नफरत का रहा है।
उन्होंने कहा कि इसका एक बड़ा उदाहरण बाबू जगजीवन राम थे, जिन्हें कांग्रेस के अपमान का सामना करना पड़ा। जब बीजेपी ने रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया, तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी और जब वे राष्ट्रपति बने तो भी कांग्रेस ने उनका तिरस्कार किया।
पीएम ने कहा कि, जब बीजेपी ने एक महिला को भारत का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा, तो कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू जी का भी विरोध किया।
जब दलित सरकारी अफसर हीरालाल सामरिया को चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर बनाया गया, तो कांग्रेस ने उनका शपथ समारोह का भी विरोध किया। कांग्रेस नहीं चाहती थी एक दलित अफसर इतने बड़े सरकारी पद पर जाए।
बीआरएस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बीआरएस दलित विरोधी है और कांग्रेस भी उन्हीं की तरह है। बीआरएस ने नए संविधान की मांग करके बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है। कांग्रेस का भी यही इतिहास है। कांग्रेस ने बाबा साहब को दो बार चुनाव नहीं जीतने दिया।
उन्होंने दलितों की आकांक्षाओं को कुचल दिया
पीएम ने कहा कि आंदोलन के समय लोगों से वादा किया गया था कि किसी दलित को तेलंगाना का पहला सीएम बनाया जाएगा। हालाँकि, राज्य के गठन के बाद केसीआर सीएम बने और इस तरह उन्होंने दलितों की आकांक्षाओं को कुचल दिया।बीआरएस ने दलितों को जमीन देने का वादा किया। उन्होंने दलित बंधु योजना के तहत पैसा देने का वादा किया।
10 साल पहले यहां बनी सरकार तेलंगाना के गौरव और सम्मान की रक्षा करने में सक्षम नहीं थी। दुनिया तेलंगाना के लोगों की क्षमताओं की सराहना करती है।
हालांकि, तेलंगाना सरकार ने लोगों को निराश किया है। इन दस वर्षों में, तेलंगाना सरकार ने मडिगा समुदाय सहित सभी को धोखा दिया।
पीएम ने दावा किया कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों और वंचितों का कल्याण है। हम सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम गुर्रम जशुवा और उनके सामाजिक न्याय के कार्यों को अपनी प्रेरणा मानते हैं। अपने साहित्य में उन्होंने एक दलित भाई का चित्रण किया है जिसने अपनी दुर्दशा बाबा विश्वनाथ से साझा की थी।
भाजपा ने एससी और एसटी पर होने वाले अत्याचारों को लेकर कानून सख्त बनाये। हमने सुनिश्चित किया कि गरीबों को बैंक खाता मिले, गैस कनेक्शन मिले, शौचालय मिले, घर मिले। इन सभी योजनाओं में एससी, एसटी और ओबीसी के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ दिया गया।
तेलंगाना में पीएम मोदी ने क्यों की यह सभा
तेलंगाना में हो रहे विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीआरएस और कांग्रेस के बीच है। भाजपा यहां इन दोनों दलों से काफी पीछे हैं और कहीं किसी मुकाबले में नहीं है।तेलंगाना में भाजपा का जनाधार भी काफी कम है। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर पीएम मोदी अन्य राज्यों को जहां भाजपा सीधे मुकाबले में है को छोड़कर शनिवार को तेलंगाना के सिकंदराबाद क्यों गये।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेलंगाना में भले ही भाजपा बहुत पीछे है, लेकिन भाजपा ने तेलंगाना में उम्मीद नहीं छोड़ी है। तेलंगाना में भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना रास्ता तलाश रही है। उसी के मद्देनजर पीएम मोदी ने शनिवार 11 नवंबर को इस सभा को संबोधित किया है।
यहां उन्होंने इस सभा के जरिये दलितों की विभिन्न उपजातियों तक भाजपा की पहुंच बनाने की कोशिश की है। यहां उन्होंने मडिगा रिजर्वेशन पोराटा समिति (एमआरपीएस) की रैली को संबोधित किया है।
भाजपा की कोशिश है कि वह तेलंगाना में दलितों को अपनी ओर मिलाये। ऐसा कर के वह दक्षिण के इस राज्य में अपना पांव जमाना चाहती है। वह भविष्य को ध्यान में रखकर यहां अपने लिए जमीन तैयार कर रही है।