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चुनावों में इजराइली फर्म द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों पर कांग्रेस ने की जांच
की मांग

चुनावों में इजराइली फर्म द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों पर कांग्रेस ने की जांच की मांग

30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए इजरायली जासूसों की एक टीम द्वारा भारत सहित कई देशों में एक सॉफ्टवेयर जरिए फर्जी सोशल मीडिया अभियान चलाए गये।

खोजी पत्रकारों के संगठन इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जनर्लिस्म ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें कहा गया है कि इजराइली खूफिया सर्विस के एक एजेंट ने हैकिंग, छेड़-छाड़ ऑनलाइन फर्जी सूचनाओं का प्रसार कर तीस देशों में चुनावों को प्रभावित किया। इन देशों में भारत जैसे बड़े देश भी शामिल हैं।

रिपोर्ट में भारत का नाम आने के बाद से विपक्षी कांग्रेस ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और चुनावों में धांधली के लिए इजराइली जासूस से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की। कांग्रेस प्रवक्कता सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा ने इजराइल की टीम फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और जीमेल जैसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए जिम्मेदार है। भाजपा की आईटी सेल ने "टीम जॉर्ज" के तौर-तरीकों को पालन किया।

किसी भी देश के चुनावों को प्रभावित करने के आरोप दुनिया भर में लगते रहे हैं। हाल के समय में सबसे बड़ा आरोप 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनावों में लगा था। जिसमें रूस पर चुनावों को डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था।

ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन सहित 30 वैश्विक मीडिया आउटलेट्स के पत्रकारों ने बुधवार को एक रिपोर्ट को प्रकाशित कर दावा किया कि ‘ताल हनान’ जो कि एक इजराइली खूफिया विभाग का एक पूर्व एजेंट है, उसने तीस से ज्यादा देशों के चुनाव को प्रभावित करने के लिए अपनी सेवाएं दीं। ताल हनान एक गुप्त नाम ‘टीम जॉर्ज’ के नाम से काम कर रहा था।  

ताल हनान ही इस "टीम जोर्ज" का नेतृत्व कर रहा है। 50 वर्षीय ताल हनान पूर्व इजरायली विशेष बल का संचालक है। लेकिन यह काम वह निजी तौर पर करता है। टीम जॉर्ज ने ब्रिटेन अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, सेनेगल, भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में "फर्जी सोशल मीडिया अभियान" को चलाने के लिए एक फर्जी नाम "टीम जॉर्ज" का उपयोग किया गया था।  

दुनिया भर में 30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने के संदेह में इजरायली जासूसों की एक टीम ने भारत सहित कई देशों में एक सॉफ्टवेयर जरिए फर्जी सोशल मीडिया अभियान चलाए गये। पत्रकारों के समूह ने इसे एक अंडरकवर ऑपरेशन के जरिए उसकी कुछ फुटेज और दस्तावेजों को जुटाकर, द गार्डियन को लीक कर दिया था। इन पत्रकारों ने एक ग्राहक के तौर पर 'टीम जॉर्ज' से संपर्क किया था। बिर्टेन के अखबार द गार्डियन के अनुसार, ताल हनान उर्फ 'जॉर्ज'  निजी तौर पर काम करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह दो दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के चुनावों में गुप्त रूप से काम कर रहा था।

गार्जियन और उसके रिपोर्टिंग पार्टनरों ने इसकी पड़ताल के लिए इंटरनेट पर चल रही बॉट गतिविधियों की छानबीन की। रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, सेनेगल, भारत और संयुक्त अरब अमीरात सहित लगभग 20 देशों में फर्जी सोशल मीडिया अभियानों के में टीम जॉर्ज शामिल थी।  जिसमें ज्यादातर वाणिज्यिक विवाद शामिल थे।

इजराइली हैकर्स जिन्होंने केन्या के चुनाव में छेड़छाड़ की कोशिश की एक स्टोरी में, Haaretz.com ने ताल हनान को "टेरिफिक सेल्सपर्सन" के रूप में परिभाषित किया है। जिसे पता है कि दुनिया भर में हैकिंग, जालसाजी और धोखाधड़ी के संचालन के लिए क्या जरूरी है और इसके ग्राहकों को क्या पंसद है। ईमेल या टेलीग्राम को हैक करने का दावा करना अलग बात है लेकिन ग्राहकों को रियल टाइम में हैक किए गए टेलीग्राम खातों के जरिये ग्राहकों को प्रभावित करना बिल्कुल अलग बात है।

मोदी सरकार पर पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये डेटा चोरी के आरोप लगे हैं। यह सरकार जिन गंभीर आरोपों का सामना कर रही है, उनमें से एक डेटा चोरी और चुनावी प्रक्रिया से छेड़छाड़ के आरोप प्रमुख हैं। कांग्रेस प्रवक्कता ने कहा कि यह पहली बार नहीं जब भाजपा पर इस तरह के आरोप लग रहे हैं। वह पहले भी ऐसा करती रही है। 

ज्ञात हो कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए कुछ पत्रकारों, विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी के आरोप भी मोदी सरकार पर लगते रहे हैं। पेगासस सॉफ्टवेयर भी इजराइली खूफिया एजेंसी द्वारा जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इजराइल की सरकार के अनुसार यह सॉफ्टवेयर केवल सरकारों को बेचा/दिया जाता है। कोई भी इसे निजी तौर पर नहीं खरीद सकता। उस रिपोर्ट के बाहर आने के बाद विपक्ष ने सरकार से पूछा था कि वह बताए कि इस सॉफ्टवेयर को किस उद्देश्य के लिए और किस मंत्रालय द्वारा खरीदा गया था।

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