क्या इस लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए कांग्रेस अब अपने खाते से रुपये नहीं का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी? कांग्रेस के बैंक खातों को लेकर अजीबो गरीब घटनाक्रम चले। कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह आरोप लगाया कि पार्टी के सभी खाते फ्रीज यानी बंद कर दिए गए हैं। यह आरोप लगाने के एक घंटे बाद ही खातों पर से रोक हटा दी गई और ये खाते चालू गए। लेकिन बाद में ख़बर आई कि भले ही खाते चालू कर दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस उन खातों में पड़े रुपये का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी।
कांग्रेस ने कहा है, 'हमारी याचिका पर आयकर विभाग और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी आईटीएटी ने कहा है कि कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना होगा कि 115 करोड़ रुपये बैंक खातों में जमा रहें। यह 115 करोड़ बैंक खातों में अंकित ग्रहणाधिकार है। हम इस 115 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ही खर्च कर सकते हैं। इसका मतलब है कि 115 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। विडंबना यह है कि हमारे चालू बैंक खातों में 115 करोड़ रुपये से काफ़ी कम पैसे ही हैं।'
इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह कहा था कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के सारे खातों पर तालाबंदी कर दी गई है। इसने कहा कि ये कांग्रेस पार्टी के अकाउंट फ्रीज नहीं हुए, हमारे देश का लोकतंत्र फ्रीज हो गया है। हालाँकि, कांग्रेस की घोषणा के क़रीब एक घंटे बाद ख़बर आई थी कि खातों पर से रोक हटा दी गई और ये खाते चालू हो गए। कांग्रेस ने दिल्ली में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) में अपील भी दायर की थी।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि चिंताजनक और निराशाजनक ख़बर है। उन्होंने कहा कि आप लोगों को आश्चर्य होगा और निराशा भी होगी कि 'देश में लोकतंत्र पूरी तरह ख़त्म हो गया है'।
अजय माकन ने कहा, 'हम लोगों को परसों जानकारी मिली कि हमलोग जो चेक जारी कर रहे हैं तो उसको बैंक ऑनर नहीं कर रहे हैं। हमें पता चला कि देश के मुख्य विपक्षी पार्टी के सभी खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। देश में लोकतंत्र ख़त्म हो गया है यानी लोकतंत्र पर तालाबंदी लगा दी गई है।'
उन्होंने कहा कि यह सब लोकसभा चुनाव की घोषणा से क़रीब दो हफ्ते पहले किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खाते ही फ्रीज नहीं किए गए, बल्कि यूथ कांग्रेस पार्टी के भी खाते फ्रीज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो वजह बताई गई है वह हास्यास्पद है।
पार्टी प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि बैंक खातों पर यह रोक कथित तौर पर आयकर विभाग द्वारा उठाई गई 210 रुपये करोड़ की कर मांग के कारण है।
कांग्रेस का दावा है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है और रणनीतिक रूप से पार्टी की चुनाव तैयारियों को बाधित करने के लिए उठाया गया कदम है।
माकन ने खाते फ्रीज किए जाने को लेकर दो वजहें बताईं। उन्होंने कहा, ' कांग्रेस के बैंक खातों को क्यों सील किया गया, इसके कारण बहुत ही हास्यास्पद हैं। 1. हमें 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट्स जमा करने थे, लेकिन हमें कुछ देर हो गई। इस वजह से हमारे खातों को सील कर दिया गया। 2. 2018-19 चुनाव का वक्त था, जिसमें कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसमें हमारे विधायक और सांसद ने सिर्फ 14 लाख 40 हजार रुपए कैश में जमा किए थे, जो उनका वेतन था। इस वजह से कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगी दी गई है।'
माकन ने दावा किया कि 2018-19 के चुनावी वर्ष में पार्टी ने अपने खाते 45 दिन देरी से जमा किए, लेकिन खातों को फ्रीज करना आख़िरी उपाय है। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे मामले और उदाहरण हैं जहां ऐसी कार्रवाई नहीं की गई। माकन ने कहा,
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लोकतंत्र अस्तित्व में नहीं है; यह एक-शासन वाली पार्टी की तरह है, और प्रमुख विपक्षी दल को दबा दिया गया है। हम न्यायपालिका, मीडिया और लोगों से न्याय चाहते हैं।
अजय माकन, कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी ने खातों पर रोक के जवाब में कानूनी कार्रवाई की है और मामला फिलहाल आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष है। माकन ने बताया कि उन्होंने पहले जानकारी का खुलासा नहीं करने का फैसला किया था क्योंकि सुनवाई लंबित है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया है। उन्होंने कहा, 'सत्ता के नशे में चूर, मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस - के खाते फ्रीज कर दिए हैं। ये लोकतंत्र पर गहरा आघात है।'
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा,
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भाजपा ने जो असंवैधानिक धन इकट्ठा किया है, उसका इस्तेमाल वे चुनाव में करेंगे, लेकिन हमने क्राउडफंडिंग के जरिए जो पैसा इकट्ठा किया है, उसे सील कर दिया जाएगा। इसीलिए हमने कहा है कि भविष्य में कोई चुनाव नहीं होंगे!
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष
उन्होंने आगे कहा, 'हम न्यायपालिका से अपील करते हैं, कि इस देश में बहु-दलीय प्रणाली को बचाएं और भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित करें। हम सड़कों पर उतरेंगे और इस अन्याय व तानाशाही के ख़िलाफ़ पुरज़ोर तरह से लड़ेंगे।' राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस धन की ताकत का नहीं, जन की ताकत का नाम है।
अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बैंक खाते तो बीजेपी के फ्रीज होने चाहिए, क्योंकि जो असंवैधानिक कॉर्पोरेट बांड उन्होंने अपने खातों में डाल रखे हैं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार असंवैधानिक हैं। हमारे खातों में कार्यकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन डोनेशन से जुटाया गया पैसा है। इसे इनकम टैक्स और मोदी सरकार कैसे फ्रीज कर सकती है। इस कदम से स्पष्ट है कि अब हमारे देश में लोकतंत्र नहीं रहा। ऐसा लगता है देश में 'वन पार्टी सिस्टम' लाने का प्रयास किया जा रहा है।"
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है और कहा कि इसे रद्द करना होगा। भारत के चीफ जस्टिस ने कहा- कंपनी अधिनियम में संशोधन (कॉर्पोरेट राजनीतिक फंडिंग की अनुमति) असंवैधानिक है। चीफ जस्टिस ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक चुनावी बांड जारी करना बंद करे। एसबीआई अभी तक की सारी सूचनाएं 6 मार्च तक चुनाव आयोग दे। आयोग उन्हें 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को बॉन्ड का वो पैसा उन्हें देने वालों को वापस करना होगा, जिन बॉन्डों को भुनाया नहीं गया है।
रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 से 2022-23 तक कुल मिलाकर 11450 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुआ। इसमें से 57 फ़ीसदी बॉन्ड अकेले बीजेपी को मिले। बीजेपी को 6566 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1123 करोड़, टीएमसी को 1093 करोड़, बीजेडी को 774 करोड़, डीएमके को 617 करोड़, आप को 94 करोड़, एनसीपी को 64 करोड़, जेडीयू को 24 करोड़ रुपये और अन्य को 1095 करोड़ रुपये मिले।