सीपाआर के FCRA निलंबन पर कांग्रेस का केंद्र पर हमला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कथित तौर पर एफसीआरए का उल्लंघन करने के लिए प्रमुख थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) का लाइसेंस निलंबित करने के लिए बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की।
A top research organisation that was close to the ruling establishment after May 2014 is now being harassed for its independent thinking. Mr. Modi wants drumbeaters and will not tolerate any questioning of his policies, however professional. This is New India. pic.twitter.com/43malKNe6n
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 1, 2023
जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'एक टॉप रिसर्च इंस्टिट्यूट जो मई 2014 के बाद से ही सत्ता का करीबी था, लेकिन अब उसे उसकी स्वतंत्र सोच के लिए परेशान किया जा रहा है। श्री मोदी केवल उनके गुणगान करने वालों को ही चाहते हैं, वे, उनकी नीतियों पर किसी भी तरह के सवाल उठाने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वे कितने भी पेशेवर क्यों न हो। यही नया भारत है।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के लाइसेंस को रद्द करने के पीछे का कारण एफसीआरए के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं किया जाना है। प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को निलंबन का आदेश दिया गया। लाइसेंस रद्द किये जाने के बाद जांच की जाएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।
थिंक-टैंक सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया पिछले साल सिंतंबर में हुए आयकर सर्वेक्षण के बाद से ही जांच के दायरे में थे। यह 1973 से भारत की 21 वीं सदी की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के वाली रिसर्च में शामिल रहा है।
एफसीआरए लाइसेंस 180 दिनों तक के लिए निलंबित किए जा सकते हैं। इस साल की शुरुआत में ही, 6,000 से अधिक एनजीओ के लाइसेंस केंसिल कर दिए गये थे। इन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।