कांग्रेस ने टीएमसी, सीपीएम और आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि कांग्रेस को कमजोर करने की कीमत पर विपक्षी एकता नहीं हो सकती। कांग्रेस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के उभार के लिए जहां ममता बनर्जी की टीएमसी जिम्मेदार है, वहां केरल में सीपीएम और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पोर्टल पर गुरुवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के हवाले से इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है। कांग्रेस की यह आलोचना सीपीएम के उस बयान के बाद आई है, जिसमें सीपीएम ने कहा था कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तहत केरल में ज्यादा दिन बिता रहे हैं, जबकि उन्हें यूपी में ज्यादा दिन बिताना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा-
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भारत जोड़ो यात्रा विपक्षी एकता के लिए यात्रा नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए एक यात्रा है। एक मजबूत कांग्रेस के बिना, आप विपक्षी एकता नहीं पा सकते।
- जयराम रमेश, गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस में
उन्होंने बहुत साफ शब्दों में कहा कि राजनीतिक दल जो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहता है, उसे यह नहीं सोचना चाहिए कि गठबंधन का मतलब है कि मैं कांग्रेस से सब कुछ ले लूं और कांग्रेस को कुछ नहीं दूं। अब तक हर कोई कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश करता रहा है।
एक्सप्रेस के मुताबिक जयराम रमेश ने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम कांग्रेस पार्टी को मजबूत करेंगे, और अगर विपक्षी एकता की जरूरत है, तो हम निश्चित रूप से विपक्षी एकता की दिशा में काम करेंगे। लेकिन हम उन पार्टियों के साथ विपक्षी एकता नहीं रख सकते जो कांग्रेस को कमजोर करने की मंशा रखते हैं।
इससे पहले, राहुल गांधी ने भी कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा देश के लोगों को एकसाथ लाने के लिए है, और यह विपक्षी एकता में मदद करेगी, यह इसका मुख्य मकसद नहीं था। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केरल के कोल्लम में मीडिया से बातचीत में सीपीएम की आलोचना पर सवालों के जवाब में जयराम ने अपने दावे को दोहराया -
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केरल में सीपीएम 'बीजेपी की एक टीम' है। राष्ट्रीय स्तर पर, सीपीएम का एक अलग नजरिया है। लेकिन केरल में, सीपीएम बीजेपी को प्रोत्साहित करने की पूरी कोशिश कर रही है क्योंकि बीजेपी को प्रोत्साहित करके ही सीपीएम केरल में कांग्रेस को कमजोर करने में सफल होगी।
-जयराम रमेश, गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस में
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय स्तर पर उनकी कांग्रेस के बारे में एक राय हो सकती है, लेकिन केरल के संदर्भ में सीपीएम और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। राष्ट्रीय स्तर पर, अगर सीपीएम कांग्रेस का समर्थन करना चाहती है, तो उनका स्वागत है। याद कीजिए 1989 में सीपीएम और बीजेपी ने मिलकर वी. पी. सिंह सरकार को समर्थन दिया था। कांग्रेस भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसका बीजेपी के साथ कभी कोई गठबंधन नहीं रहा है। उसका बीजेपी से गठबंधन नहीं हो सकता। लेकिन हर दूसरे राजनीतिक दल ने बीजेपी से समझौता किया है, जिसमें वामपंथी भी शामिल हैं। वाम दलों ने कांग्रेस को हराने के लिए बीजेपी के साथ वीपी सिंह का समर्थन किया था।
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जयराम रमेश यह भी तर्क दिया कि राहुल भारत के एकमात्र राजनीतिक नेता हैं जिन्होंने लगातार बीजेपी को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा -
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ममता बनर्जी भी एक दिन सुबह आरएसएस की तारीफ करेंगी और दोपहर में कुछ और करेंगी। केजरीवाल, जैसा कि हम जानते हैं, बीजेपी की 'बी' टीम है। तो कोई अन्य राजनीतिक दल नहीं है, कोई अन्य राजनीतिक नेता नहीं है… इसलिए ईडी ने उनसे (राहुल गांधी) एक फर्जी मामले में 55 घंटे पूछताछ की। क्योंकि राहुल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को निशाना बना रहे हैं। वह सवाल उठा रहे हैं कि सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों को एक आदमी को क्यों बेचा जा रहा है।
- जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव, गुरुवार को इंडियन एक्सप्रेस में
जयराम ने कहा: ममता बनर्जी बंगाल में बीजेपी की उभार के लिए अकेले जिम्मेदार हैं। केरल में बीजेपी को बढ़ावा मिलने के लिए वामपंथी अकेले जिम्मेदार हैं क्योंकि वे जानते हैं कि अगर बीजेपी मजबूत हुई तो कांग्रेस कमजोर हो जाएगी। वे यह जानते हैं... वामपंथियों को कांग्रेस से लड़ने के बजाय बीजेपी से लड़ना अच्छा लगता है। क्यों? क्योंकि निशाने पर सिर्फ कांग्रेस है। इसलिए वामपंथ हमेशा दक्षिणपंथ से लड़ना पसंद करेगा क्योंकि यह आसान है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सीपीएम अन्य राज्यों में कांग्रेस के साथ आ सकती हैं। उदाहरण के लिए, वामपंथी मणिपुर में हमारे साथ थे। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल गठबंधन डीएमके, सीपीएम, सीपीआई, कांग्रेस, वीसीके और कुछ छोटे तमिल दल हमारे साथ हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जयराम रमेश ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विचारधारा के संदर्भ में, वे जो कुछ भी कहना चाहते हैं, वे कह सकते हैं, लेकिन प्रबंधन शैली के संदर्भ में, केरल के मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री के बीच बिल्कुल अंतर नहीं है। वे समान हैं ... समान शैली है। केरल के सीएम मुंडू मोदी हैं। दोनों में कोई अंतर नहीं है।