हरियाणा में भी क्या कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होना तय?
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन पर बात चल रही है। कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गठबंधन के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है। इसका मतलब है कि दोनों दल गठबंधन के पक्ष में हैं और सीट बँटवारे पर फ़ैसला होना है।
पिछले कुछ दिनों से गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सुगबुगाहट थी। सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के नेताओं के बीच इसको लेकर बातचीत भी हुई। अब तो एनडीटीवी और इंडिया टुडे ने भी सूत्रों के हवाले से कहा है कि दोनों दलों के बीच सैद्धांतिक रूप से इसके लिए सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल बुधवार को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मुलाक़ात करेंगे।
गठबंधन की यह जानकारी तब आई है जब कुछ घंटे पहले ही विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सुझाव दिया कि इंडिया ब्लॉक के सदस्य अप्रैल-जून के आम चुनाव से पहले बनी साझेदारी को जारी रखेंगे।
फिलहाल, आप ने सार्वजनिक तौर पर सकारात्मक संदेश दिया है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी गठबंधन का स्वागत करती है। उन्होंने जोर देकर कहा, 'हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है।' हालाँकि इसी साल जनवरी में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप हरियाणा की 90 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस ने अपनी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 49 सीटों के लिए नामों को अंतिम रूप दिया। माना जा रहा है कि पार्टी अपने अधिकांश मौजूदा विधायकों को फिर से टिकट दे सकती है।
बहरहाल, गठबंधन को लेकर एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि शुरुआती बातचीत में आप ने 10 सीटें मांगी हैं, जबकि कांग्रेस पांच से सात सीटें देने को तैयार है। कांग्रेस कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को भी एक सीट देने को तैयार है।
इस गठबंधन के बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है कि क्या यह हरियाणा चुनाव से लेकर 2025 तक और दिल्ली विधानसभा चुनाव तक कायम रहेगा। दिल्ली में 2013 से आप ने हर बार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार उसे कड़े मुक़ाबले का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए कि मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में अभी भी जेल में हैं।
2024 के हरियाणा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने राज्य की 10 सीटों पर 9:1 के अनुपात में चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने अपने हिस्से में से पांच सीटें जीतीं। आप ने अपनी एकमात्र सीट - कुरुक्षेत्र - भाजपा के नवीन जिंदल से लगभग 29,000 वोटों से हार गई। दोनों दलों को क्रमशः 21.19 प्रतिशत और 1.11 प्रतिशत वोट मिले। संयुक्त रूप से यह भाजपा द्वारा जुटाए गए 36.5 प्रतिशत से काफी कम था।
कांग्रेस और आप के एक साथ इंडिया गठबंधन को वोट देने पर भाजपा को इस राज्य में लगातार दूसरी बार क्लीन स्वीप करने से रोका जा सकता है। वैसे, हाल के कुछ सर्वे बीजेपी के लिए नकारात्मक तस्वीर पेश कर रहे हैं। गठबंधन होने पर बीजेपी के लिए और मुश्किलें बढ़ेंगी ही।