हरियाणा में कांग्रेस-आप गठबंधन खटाई में या अभी भी संभावना बची है?
हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन के लिए सीटें तय हुई नहीं और कांग्रेस ने 31 उम्मीदवारों की अपनी पहल सूची जारी कर दी। तो क्या गठबंधन खटाई में पड़ गया है? अभी तक इसको लेकर दोनों दलों की ओर से कुछ भी साफ़ नहीं किया गया है। जो आख़िरी औपचारिक सूचना आई वह यह थी कि गठबंधन पर सहमति है और सीट बँटवारे पर बातचीत चल रही है। लेकिन कांग्रेस द्वारा पहली सूची जारी किए जाने के बीच अब बातचीत में गतिरोध आने के कयास लगाए जाने लगे हैं।
कहा जा रहा है कि सीट बँटवारे पर बातचीत लगभग गतिरोध के क़रीब पहुंच गई है, क्योंकि कांग्रेस का राज्य नेतृत्व आप द्वारा मांगी गई सीटों को देने के लिए तैयार नहीं है। तो सवाल है कि क्या गठबंधन की संभावना ख़त्म हो गई है या फिर अभी भी खिड़की खुली है?
कांग्रेस ने शुक्रवार को भले ही अपने 31 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन 31 सीटों की सूची में उन सीटों को छोड़ दिया गया है, जिनके बारे में कहा गया था कि वे आप द्वारा मांगी जा रही हैं। यानी कांग्रेस द्वारा जारी सूची में भी यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस ने पूरी तरह से दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
रिपोर्ट है कि गठबंधन के लिए सहमति है। लेकिन सीटों के बँटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। पहले सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि आप 10 सीटें मांग रही है जबकि कांग्रेस 5-7 सीटें देने की इच्छुक है। अब मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अब सीटों की संख्या पर ज़्यादा असहमति नहीं है, बल्कि सीटों के चयन को लेकर है। यानी जो सीटें आप मांग रही है, उसको कांग्रेस देने को तैयार नहीं है। कहा जाता है कि आप जिन सीटों की मांग कर रही है, उनमें पेहोवा, कलायत और जींद शामिल हैं।
वैसे, इससे पहले शुक्रवार देर शाम तक तो मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ये ख़बरें चलाई जाने लगी थीं कि यदि कांग्रेस आप को अधिक सीटें देने पर सहमत नहीं होती है, तो आप हरियाणा विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकती है।
द इंडियन एक्सप्रेस ने आप सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि यदि गठबंधन नहीं हुआ तो पार्टी 50 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और रविवार तक उम्मीदवारों की सूची जारी की जा सकती है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी चार-पांच सीटें देने को तैयार है, जिनमें से ज्यादातर शहरी हैं, लेकिन मुद्दा सीटों की संख्या का नहीं बल्कि उन निर्वाचन क्षेत्रों का है, जिन्हें आप चाहती है, जिन्हें कांग्रेस अपनी प्रमुख सीटें मानती है। आप सूत्रों के अनुसार, पार्टी राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से नौ सीटें मांग रही है, जबकि कांग्रेस पांच से सात सीटों के पक्ष में है। आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'यदि गठबंधन नहीं हुआ तो हम 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे, जिन्हें हमने राज्य में पार्टी को जमीनी स्तर पर खड़ा करने के लिए महत्वपूर्ण माना है।'
वैसे, शुक्रवार देर शाम को ही आप नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि सीट शेयरिंग पर बातचीत चल रही है।
पिछले कुछ दिनों से गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सुगबुगाहट है और इसको हल्के में खारिज नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गठबंधन पर काफी जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडिया ब्लॉक के सदस्य अप्रैल-जून के आम चुनाव से पहले बनी साझेदारी को जारी रखेंगे। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी गठबंधन का स्वागत करती है। उन्होंने जोर देकर कहा, 'हमारी प्राथमिकता भाजपा को हराना है।'