प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मगंलवार की रात देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। उन्होंने इसकी ख़ुद व्याख्या करते हुए कहा कि पूरे देश में कहीं भी, कोई भी, घर से बाहर नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि जो जहाँ है, रहे, बाहर निकलने की बात भी न सोचे।
'कर्फ़्यू के समान'
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह लॉकडाउन कर्फ़्यू के समान ही है। यह जनता कर्फ़्यू से ज़्यादा सख़्ती से लागू किया जाएगा। देश के नाम सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता कर्फ्यू के ज़रिए भारत ने दिखा दिया कि वह कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोशल डिस्टैसिंग का कोई विकल्प नहीं है, इसे अपनाना ही होगा। यह सबके लिए है, सिर्फ मरीजों के लिए नहीं है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी है।
मोदी ने लॉकडाउन की ज़रूरत समझाते हुए कहा कि जिन देशों ने संपूर्ण लॉकडाऊन किया, वे अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण से बाहर निकल रहे हैं।
मोदी ने 21 दिनों की ज़रूरत बताते हुए कहा कि 21 दिनों में ही इस वायरस संक्रमण का चक्र टूटता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग एकमात्र उपाय है।
ज़रूरी चीजों की सप्लाई सामान्य
मोदी ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सभी चीजों की आपूर्ति सामान्य रखी जाएगी। ग़रीबों को ज़्यादा तकलीफ़ होगी, यह साफ़ है। उनकी मदद के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं।'स्वास्थ्य कर्मियों का ख़्याल करें'
प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि उन स्वास्थ्य कर्मियों के बारे में सोचिए जो आपको सुरक्षित रखने में जुटे हैं, जो आपके इलाक़े को सैनिटाइज़ करने में जुटे हैं।
मोदी ने लॉकडाउन को लागू करने के लिए जनता से अपील करते हुए कहा कि आज का एक्शन तय करेगा कि भारत इस संक्रमण को रोक सकता है या नहीं। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है।
केंद्र देगा 15,000 करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बेहद अहम कदम उठाते हुए कोरोना से लड़ने के लिए 15 हज़ार करोड़ रुपए देने का एलान किया है।प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस पैसे से कोरोना से बचने के लिए ज़रूरी उपकरण खरीदे जाएंगे, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा डॉक्टर, नर्स व दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ़ की नियुक्ति की जाएगी। सभी ज़रूरी व्यवस्था की जाएगी और इस पर पैसा खर्च किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इस वक्त स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करना और कोरोना को हराना प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ही नहीं, सभी राज्य सरकारों का भी यही फ़ैसला होना चाहिए, सबकी प्राथमिकता में कोरोना सबसे ऊपर होना चाहिए।
बता दें कि इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की चेतावनी के बावजूद केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए मास्क, दस्ताने और गाऊन जैसे प्रोटेक्टिव उपकरण एकत्रित करने की कोई कोशिश नहीं की थी। इसके उलट सरकार ने इसके निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई, जिस वजह से इसकी कमी हो गई और कीमत आसमान छूने लगी।
इससे पहले उन्होंने 19 मार्च को देश के नाम संबोधन किया था और इसमें उन्होंने 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया था।