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उत्तराखंड सरकार 6 फरवरी को विधानसभा में पेश कर सकती है यूसीसी विधेयक  

उत्तराखंड सरकार 6 फरवरी को विधानसभा में पेश कर सकती है यूसीसी विधेयक  

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए बनी समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता या यूसीसी को लागू करने के लिए कमर कस ली है।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए बनी समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता या यूसीसी को लागू करने के लिए कमर कस ली है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट को 3 जनवरी को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 6 फरवरी को उत्तराखंड सरकार विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी पर विधेयक लाएगी। विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो जाएगा। इसको लागू करने के लिए राज्य सरकार काफी गंभीर दिख रही है। 

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन 6 फरवरी को यूसीसी विधेयक को विधानसभा से पारित कर इतिहास रच सकती है। विधानसभा से विधेयक के पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।  

उत्तराखंड में ‘समान नागरिक संहिता’ या यूसीसी का ड्राफ्ट बनाने के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में समिति बनाई थी। 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, विधानसभा चुनाव 2022 से पूर्व हमने उत्तराखंड राज्य की देवतुल्य जनता से भाजपा के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। 

अपने वादे के मुताबिक हमने राज्य में सरकार गठन के तुरंत बाद,  कैबिनेट की पहली बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि, 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।  

उन्होंने कहा कि समिति ने दो उप समितियों का भी गठन किया था, जिसमें से एक उपसमिति का काम संहिता का प्रारूप तैयार करने का था। वहीं दूसरी उपसमिति का काम प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था।  

सीएम धामी ने कहा कि, यूसीसी पर बनी इस समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। इसके बाद समिति ने प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये। उन्होंने कहा कि,राज्य में 43 जनसंवाद किये गए और दिल्ली में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी के साथ 14 जून 2023 को एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था।  

सीएम धामी ने शुक्रवार को कहा है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समाज के सभी वर्गों से सुझाव मांगा गया था। इसके लिए आठ सितंबर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉंच किया गया था। लोगों से एसएमएस और वाट्सएप के जरिए भी सुझाव मांगा गया था।

सीएम ने कहा कि यूसीसी पर बनी इस समिति को विभिन्न माध्यमों से मिले 2,32,961 सुझाव और विभिन्न जनसंवाद से मिले 10 हजार सुझावों का अध्ययन भी किया गया इसके लिए समिति ने 72 बैठके आयोजित की थी। 

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