छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला किया है। नक्सलियों के हमले में 11 जवान शहीद शहीद हो गए, इसमें एक ड्राइवर भी शामिल है। नक्सलियों ने आईईडी से विस्फोट किया था।
खबरों के अनुसार अरनपुर थाना क्षेत्र में माओवादी कैडर की उपस्थिति की सूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी बल को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। सुरक्षा बल अभियान को खत्म कर वापस लौट रहे थे तभी माओवादियों ने अरनपुर मार्ग पर आईईडी विस्फोट किया। नक्सलियों के इस हमले में में 10 डीआरजी जवान और एक ड्राइवर की मौत हो गई।
छत्तीसगढ़ नक्सलियों से प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। वहां छोटे मोटे हमले तो हमेशा से ही होते रहे हैं। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हमला काफी समय बाद हुआ है, जिसमें 11 लोग मारे गये हैं।
इस हमले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुरक्षा बलों पर यह हमला बहुत दुखद है और नक्सलियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।
मिल रही खबरों के अनुसार हमले के तुरंत बाद ही, सुरक्षा बलों ने पलटवार करते हुए नक्सलियों को घेर लिया है, तथा उनके साथ मुठभेड़ चल रही है। जरूरत के हिसाब से और सुरक्षा बलों को भी बुला लिया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम बघेल से बातचीत की। उन्होंने केंद्र की तरीफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया है। 2017-18 में केंद्र सरकार ने नक्सलवाद से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ को 92 करोड़ रुपये दिए थे, जो 2020-21 में बढ़ाकर 140 करोड़ रुपये कर दिये गए थे। छत्तीसगढ़ नक्सली हमलों के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित है, सबसे ज्यादा मौतों के मामले में भी टॉप पर है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोलते कहा कि यह कायराना हमला है, लेकिन हर हमले के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यही बात कहते हैं और उसके बाद पहले से बड़ा हमला हो जाता है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इससे निपटने के लिए सघन तलाशी अभियान लगातार चलाया जाना चाहिए क्योंकि इन हमलों में जवानों के साथ-साथ आम नागरिक भी मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक राज्यों के साथ समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा, तब तक यह समस्या नहीं खत्म होगी।