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छत्तीसगढ़ धर्म संसद में गोडसे की तारीफ, हिन्दू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने की अपील

छत्तीसगढ़ धर्म संसद में गोडसे की तारीफ, हिन्दू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने की अपील

उत्तराखंड के बाद छत्तीसगढ़ में क्यों हुआ धर्म संसद? समाज जहर घोलने की कोशिशों के पीछे कौन लोग सक्रिय हैं?

उत्तराखंड के हरिद्वार के बाद अब छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी एक धर्म संसद का आयोजन हुआ, जिसमें महात्मा गांधी के हत्यारे की तारीफ की गई और राष्ट्रपिता को अपशब्द कहे गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, पर अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है।

यह बेहद अहम और चिंता की बात है कि इस कार्यक्रम में बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस के नेता भी मौजूद थे। एक बार फिर यह बात सामने आ रही है कि कट्टरपंथी हिन्दुत्ववादी ताक़तें किस तरह समाज में ज़हर घोलने की कोशिशें कर  रही हैं। 

नाथूराम गोडसे की तारीफ

रायपुर में दो दिनों तक चले इस कार्यक्रम में 20 हिन्दू धर्मगुरुओं ने शिरकत की, उन्होंने मंच से सनातनी हिन्दुओं से हथियार उठा लेने की अपील की और महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे की जम कर तारीफ की। 

महाराष्ट्र के एक धार्मिक नेता संत कालीचरण ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे। उन्होंने कहा कि मुसलमान भारत समेत कई देशों की राजनीति और प्रशासन पर कब्जा कर लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को हथियार उठा लेना चाहिए और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए तैयार हो जाना चाहिए। 

पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है, संत कालीचरण के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 505(2) और 294 के तहत एफ़आईआर दर्ज कर लिया है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है।

आलोचना

कार्यक्रम के संयोजक और दूधधारी मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास ने बाद में संत कालीचरण की आलोचना की और खुद को उनके बयानों से अलग कर लिया।

इस कार्यक्रम में बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल व विष्णु देव साई के अलावा कांग्रेस के प्रमोद दुबे भी मौजूद थे। उनके सामने यह सब कुछ हुआ और उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई, विरोध नहीं किया।

हिन्दुत्व

हरिद्वार में हुए धर्म संसद में मौजूद रहने वाले स्वामी प्रबोधानंद गिरी इस कार्यक्रम में भी मौजूद थे। उन्होंने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा,

मैंने हरिद्वार में जो कुछ कहा, उसे दुहराने में मुझे कोई गुरेज नहीं है, ये धर्म निरपेक्ष लोग हिन्दू विरोधी हैं और हिन्दू धर्म की बात कहने से इनके पेट में दर्द होने लगता है।


प्रबोधानंद गिरी, हिन्दू संत

लेकिन इस कार्यक्रम का विरोध भी हो रहा है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर असहमति जताते हुए स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि जहां 30 करोड़ मुसलमान और लगभग 15 करोड़ ईसाई रहते हों, उस देश को आप क्या हिंदू राष्ट्र कहेंगे?

इस आयोजन में देशभर के धर्म अनुयायी, महामंडलेश्वर शामिल होने पहुंचे थे। रायपुर में आयोजित इस दो दिवसीय धर्म संसद में शामिल होने आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अचानक इस कार्यक्रम से चले गए।

धर्म संसद

बता दें कि बता दें कि एक कथित धर्म संसद हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर तक आयोजित की गई थी।

इस धर्म संसद का वीडियो बुधवार को वायरल हुआ था और पूरे देश में इसकी निन्दा की गई थी। तमाम लोगों ने आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।

इस धर्म संसद में विधायक और नेता भी थे। इस धर्म संसद में ऐसे बाबा लोग भी देखे गए, जिनके फोटो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सोशल मीडिया पर मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की बातें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जितने कड़े उठाए जा सकते हैं उतने कड़े क़दम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा,

यहाँ उत्तेजक और हिंसात्मक बातें बर्दाश्त नहीं की जाती है। राष्ट्रपिता के बारे में इस प्रकार की बातें बोलना निश्चित रूप से दर्शाता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या है। जितनी निंदा की जाए उतनी कम है, जितने भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं वह उठाए जाएंगे।


भूपेश सिंह बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

उन्होंने कहा, "यहाँ उत्तेजक और हिंसात्मक बातें बर्दाश्त नहीं की जाती है। राष्ट्रपिता के बारे में इस प्रकार की बातें बोलना निश्चित रूप से दर्शाता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या है। जितनी निंदा की जाए उतनी कम है, जितने भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं वह उठाए जाएंगे।"

बघेल ने कहा, "उनके द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में इतना बड़ा बयान दिया गया है, लेकिन बीजेपी नेताओं की तरफ़ से मामले में एक भी बयान नहीं आया है। बीजेपी मौन है। ये धरती शांति की है।"

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