चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नये मुख्यमंत्री होंगे। वह सोमवार सुबह 11 बजे पद की शपथ लेंगे। चंडीगढ़ में रविवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में निवर्तमान तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। उनकी दलित नेता के तौर पर पहचान है। चन्नी की नियुक्ति की ख़बर पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने दी है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मुझे यह घोषणा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि श्री चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है।'
चरणजीत सिंह चन्नी ने राजभवन जाकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मुलाक़ात की है। उनके साथ पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत, नवजोत सिंह सिद्धू व दूसरे कांग्रेसी नेता भी थे।
क्या कहा चन्नी ने?
राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने शनिवार को सर्वसम्मति से जो निर्णय लिया है, उसके तहत मैंने राज्यपाल महोदय के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया है। कल दिन के 11 बजे शपथ ग्रहण होगा।"
राहुल ने दी बधाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री चुने जाने पर ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि 'लोगों को किए गए वायदे हमें पूरे करने चाहिए। लोगों का भरोसा सर्वोपरि है।'
इसके साथ ही कांग्रेस आलाकमान ने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। इससे पहले ख़बर आई थी कि सुखजिंदर सिंह रंधावा अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। एएनआई ने भी ख़बर दी थी कि चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक प्रीतम कोटभाई ने कहा कि सभी विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने सुखजिंदर रंधावा को सीएम के लिए नामित किया है।
हालाँकि जब कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा से सवाल किया गया कि क्या आज पंजाब के सीएम के रूप में शपथ लेंगे तो उन्होंने कहा था, 'मैं नहीं, पता नहीं कौन है, लेकिन यह पक्का होगा।' मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से जो नाम पहले चल रहे थे उनमें से पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम भी था, लेकिन रिपोर्ट है कि उनके नाम का पार्टी नेताओं ने विरोध किया। ख़बर यह भी है कि कांग्रेस आलाकमान जाखड़ के पक्ष में था। सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि राज्य के सभी सांसदों ने जाखड़ का विरोध किया लेकिन वे राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के नाम पर सहमत थे। लेकिन इसमें एक दिक्कत थी। कांग्रेस नेतृत्व को डर है कि पीपीसीसी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनके समीकरण अच्छे नहीं हैं। माना जाता है कि सिद्धू भी इसके पक्ष में नहीं हैं।
बता दें कि पहले मुख्यमंत्री पद के लिए सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू, कांग्रेस की राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी, राज्य के मंत्री सुखजिंदर रंधावा और नवजोत सिंह सिद्धू की दावेदारी भी शीर्ष पद के लिए बताई जा रही थी। लेकिन अंबिका सोनी ने रविवार सुबह ही उस पद के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
रविवार सुबह ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल ने कहा था, 'हरीश रावत जी और अजय माकन जी के साथ कल विधायकों की बैठक हुई। एक प्रस्ताव पारित किया गया कि इस मामले में सोनिया गांधी जी का निर्णय अंतिम होगा। आज आप उनका फ़ैसला जानेंगे।'
पंजाब में नये मुख्यमंत्री के नाम को लेकर ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार देर रात तक बैठकें की थीं। देर रात को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी एक बैठक के लिए राहुल गांधी के आवास पर गए थे।
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफ़े से पहले पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी तय थी। उस बैठक में अमरिंदर सिंह ने भाग नहीं लिया था।
बैठक का एलान पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार को किया था। उन्होंने कहा था कि इस बैठक में हर विधायक का मौजूद रहना अनिवार्य है।
पंजाब कांग्रेस विधायक दल की शनिवार को हुई बैठक में 78 विधायक मौजूद थे, जिनमें से कई कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक भी थे। बैठक से सिर्फ कैप्टन अमरिंदर और एक अन्य विधायक ही दूर थे। पंजाब में कांग्रेस के 80 विधायक हैं।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आम सहमति से सोनिया गांधी को अधिकृत किया गया कि वे जिसे चाहें मुख्यमंत्री नियुक्त करें।