पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करने की हिमायत की है। चन्नी ने प्रो पंजाब चैनल के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी ने 2017 में अपने सीएम उम्मीदवार का एलान किया था और उसे जीत मिली थी।
चन्नी ने कहा कि जब भी पार्टी ने सीएम उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया तो उसे हार मिली है। इसलिए पार्टी को इस बारे में एलान करना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस में नेताओं के आपसी झगड़े के कारण ही कांग्रेस हाईकमान ने इस बात का फैसला लिया है कि पार्टी किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाएगी और सामूहिक नेतृत्व के तौर पर चुनाव में उतरेगी। लेकिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू और अब चन्नी ने इस पर असहमति दिखाई है।
सिद्धू ने भी मंगलवार को चंडीगढ़ में कहा कि पंजाब के लोग मुख्यमंत्री बनाएंगे ना कि कांग्रेस हाईकमान। उन्होंने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि उनसे किसने कह दिया कि हाईकमान मुख्यमंत्री बनाएगा। सिद्धू इससे पहले भी कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर वह शोपीस बनकर नहीं रहेंगे।
जबकि कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि वह इस बारे में पार्टी हाईकमान के फैसले के साथ हैं। पंजाब में इस बार जोरदार मुकाबला है और अगर कांग्रेस चुनाव जीतकर सरकार बनाने में कामयाब रही भी तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री पद पर किस नेता को बैठाया जाएगा, यह तय करना उसके लिए बेहद मुश्किल होगा।
हाईकमान की रणनीति नवजोत सिंह सिद्धू को सिख जाट, चरणजीत सिंह चन्नी को दलित और सुनील जाखड़ को हिंदू चेहरे के तौर पर चुनाव में आगे रखने की है।
सिद्धू की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है जबकि चन्नी चुनावी सभाओं में जनता से एक और मौका देने की मांग कर रहे हैं। सुनील जाखड़ भी चाहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान उन्हें मुख्यमंत्री बनाए।
ऐसे में कांग्रेस के नेताओं की सियासी महत्वाकांक्षा कहीं पार्टी के चुनाव अभियान पर भारी न पड़ जाए।