केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्रियों चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। स्वामीनाथन को भारत की 'हरित क्रांति' में अग्रणी भूमिका के लिए जाना जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों शख्सियतों को यह सम्मान दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने चौधरी चरण सिंह को लेकर ट्विटर पर कहा, 'हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।'
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न सम्मान दिए जाने को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़ी सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।'
उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल उन महत्वपूर्ण उपायों के लिए जाना जाता है जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण बदलाओं के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।'
प्रधानमंत्री ने कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा करते हुए कहा, 'यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था।'
बता दें कि इस साल मोदी सरकार ने अब तक पाँच शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की है। इसने इस साल सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर को उनकी जन्म जयंती पर यह सम्मान देने की घोषणा की थी। इसके कुछ दिनों बाद केंद्र ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का फ़ैसला लिया।
और अब पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को यह सम्मान देने की घोषणा की गई है।