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चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर फिर पेश किया दावा,मांगा सरकार बनाने का न्योता 

चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर फिर पेश किया दावा,मांगा सरकार बनाने का न्योता 

झारखंड में सियासी संकट बरकरार है। गुरुवार की शाम करीब 5.30 बजे महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिले और सरकार बनाने का न्योता मांगा है। 

झारखंड में सियासी संकट बरकरार है। गुरुवार की शाम करीब 5.30 बजे महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिले और सरकार बनाने का न्योता मांगा है। 

सामने आई जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन ने शुक्रवार 2 फरवरी को सुबह 8 बजे का समय सरकार बनाने के लिए मांगा है। वहीं राज्यपाल ने अभी समय नहीं दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल ने उनसे कहा है कि वे जल्द ही इसको लेकर उन्हें सूचना देंगे। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंपई सोरेन ने कहा है कि, हमने बुधवार को ही नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। हमने राज्यपाल से मिलकर कहा है कि हम सरकार बनाने को लेकर बिल्कुल क्लियर हैं। हमने इस मुलाकात में राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इस मामले में जल्दी करें। 

चंपई ने कहा है कि राज्यपाल ने हमें कहा है कि वे जल्द ही करेंगे। चंपई सोरेन और राज्यपाल से हुई इस मुलाकात में कुल पांच विधायक मौजूद थे। इन पांच विधायकों में चंपई सोरेन के साथ, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, प्रदीप यादव, विनोद सिंह और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल थे। 

इस मुलाकात के दौरान चंपई सोरेन ने राज्यपाल को समर्थन वाले विधायकों का वीडियो भी दिखाया। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक-एक कर सभी विधायकों की गिनती हुई। गिनती की शुरुआत स्टीफन मरांडी से हुई और 43वें नंबर पर चंपई सोरेन की गिनती के साथ यह खत्म हुई। महागठंबधन का दावा है कि उसके साथ 47 विधायक हैं, 4 विधायक बीमार होने के कारण अनुपस्थित चल रहे हैं।  

1 फरवरी 2024 का दिन झारखंड के इतिहास में इसलिए भी याद किया जाएगा कि इस दिन झारखंड का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं रहा है। हेमंत सोरेन ने बुधवार की सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके तुरंत बाद उन्हें ईडी ने अपनी हिरासत में ले लिया था। 

उनके इस्तीफे के साथ ही बुधवार रात करीब 9 बजे ही झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके सहयोगी दलों के महागठबंधन ने विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। उनके पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत भी था। इसके बावजूद गुरुवार दिन भर राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया था। 

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