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राज्यों को केंद्र का निर्देश : सीमा बंद करो, लॉकडाउन सख़्ती से लागू करो

राज्यों को केंद्र का निर्देश : सीमा बंद करो, लॉकडाउन सख़्ती से लागू करो

केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों का निर्देश दिया है कि वे अपने राज्य की सीमा बंद कर दें और लॉकडाउन सख़्ती से लागू करें। 

केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने राज्य की सीमा बंद कर दें, किसी को सीमा पार कर दूसरे राज्य न जाने दें, दूसरे राज्यों से आने वाली बसों को रोक दें और बस से आए लोगों को 14 दिन के लिए क्वरेन्टीन करें। देश व्यापी लॉकडाउन को सख़्ती से लागू करने के लिए ये निर्देश जारी किए गए हैं। 

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे तमाम लोगों के खाने रहने की पूरी व्यवस्था राज्य सरकारें करें। 

केंद्र का दिशा निर्देश

  • सभी राज्य अपनी-अपनी सीमा बंद करें।
  • राज्य के बाहर बस न जाने दें।
  • दूसरे राज्य से कोई बस न आने दें।
  • दूसरे राज्यों से आए लोगों को रोक कर उन्हें क्वरेन्टीन केंद्र में भेजें।
  • सभी लोगों के ठहरने-खाने का इंतजाम करें। 

राज्यों को निर्देश

दिशा निर्देश में राज्य सरकारों से कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों समेत हर ज़रूरतमंद व्यक्ति के ठहरने-खाने का इंतजाम उसी जगह हो, जहां वह इस समय रह रहा हो। यह इंतजाम राज्य सरकार करें। यह कहा गया है कि राज्यों के पास इसके लिए पर्याप्त पैसे  हैं, धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। 

केंद्र की चेतावनी

  • निजी नियोक्ता कर्मचारियों को लॉकडाउन की अवधि का वेतन दें।
  • मकान मालिक इस दौरान किसी भाड़ेदार को न निकालें। ऐसा करने कड़ी कार्रवाई। 

केंद्र ने एडवायज़री में निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं से कहा है कि लॉकडाउन की मियाद का वेतन उन्हें कर्मचारियों को काम नहीं करने के बावजूद देना होगा।

यह भी चेतावनी दी गई है कि जो मकान मालिक अपने भाड़ेदारों को इस दौरान किसी बहाने मकान खाली करने को कहेंगे, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। 

'सबके हित में लॉकडाउन'

केंद्र का मानना है कि सभी राज्यों से पहले ही कह दिया गया था कि कम से कम 3 हफ़्तों तक लॉकडाउन लागू करना ही होगा, यह सबके हित में है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और दूसरी जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों को बाहर निकाल कर उनके गृह नगर भेजने के लिए दो दिनों तक बसें चलाई। 

रविवार को बस नहीं चली। जो लोग आनंद विहार हवाई अड्डे पहुँचे, उन्हें साफ़ कह दिया गया कि वे अपने घर लौट जाएं, बस नहीं जाएगी। इसके बावजूद सैकड़ों लोग सड़कों पर हैं।

दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सभी प्रवासी मजदूरों के रहने-खाने का पूरा इंतजाम उनकी सरकार करेगी, कोई कहीं न जाए, जहां है वही रहे। दिल्ली सरकार हर किसी का पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस काम के लिए पर्याप्त पैसे हैं। 

अफ़रातफ़री

दिल्ली और उसके आसपास के इलाक़े, जैसे, नोएडा, ग़ाजियाबाद वगैरह में अभी भी ज़बरदस्त अफरातफरी है। पिछले तीन दिनों से दिल्ली-एनसीआर से हज़ारों लोग अपने बच्चों, परिवार के साथ भागे चले जा रहे हैं। उन्हें परिवहन का कोई साधन नहीं मिल रहा है, कुछ लोग पैदल ही चल पड़े हैं। सड़कों पर ऐसे सैकड़ों लोग दिख रहे हैं। उनमें बूढ़े, बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं। 

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